पेस-भूपति का प्रसिद्ध चेस्ट-बम्प सेलिब्रेशन दुनियाभर में काफी फेमस था

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर . इंडियन एक्सप्रेस के नाम से मशहूर लिएंडर और महर्ष भूपति की भारतीय जोड़ी का जीत हासिल करने के बाद एक दूसरे से सीने टकराकर जश्न मनाना दुनिया भर में प्रसिद्ध था.

पेस-भूपति की पूर्व विश्व नंबर एक जोड़ी भारतीय खेलों में काफी अहम स्थान रखते हैं. 1996 में, लिएंडर पेस ने अटलांटा ओलंपिक में कांस्य पदक के साथ 1952 के बाद व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतकर पहला भारतीय बनकर इतिहास रच दिया था जबकि 1997 में, महेश भूपति ने इतिहास रच दिया जब वह जापान की रिका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन मिक्स्ड युगल जीतकर ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने.

उसी साल, लिएंडर पेस और महेश भूपति दुनिया भर में पुरुष युगल प्रतियोगिताओं में नियमित रूप से टीम बनाकर खेलने लगे.

लिएंडर पेस नेट में माहिर थे जबकि महेश भूपति एक मजबूत बेसलाइन खिलाड़ी थे – जिसका मतलब था कि वे एक-दूसरे के पूरक होंगे. इन दोनों का प्रसिद्ध चेस्ट-बम्प सेलिब्रेशन दुनियाभर में काफी फेमस था.

यह जोड़ी, जिसे जल्द ही इंडियन एक्सप्रेस का नाम दिया गया, आने वाले वर्षों में सर्वश्रेष्ठ युगल जोड़ियों में से एक साबित हुई – तीन ग्रैंड स्लैम खिताब, 25 एटीपी टूर खिताब जीतकर, दुनिया में नंबर 1 पर पहुंचना और डेविस कप रिकॉर्ड कायम रखना, साथ ही युगल जीत का सबसे लंबा रिकार्ड भी.

लिएंडर पेस और महेश भूपति ने पहली बार 1994 में टीम बनाई, 1995 और 1996 में कुछ एटीपी चैलेंजर स्तर के खिताब जीते और एक जोड़ी के रूप में डेविस कप में भी खेले. हालाँकि, 1997 में यह पहली बार था जब दोनों नियमित रूप से एक साथ खेले और यह एक शानदार हिट साबित हुआ.

लिएंडर पेस और महेश भूपति ने अप्रैल 1997 में चेन्नई ओपन में एक साथ अपना पहला एटीपी टूर खिताब जीता, इसमें सबसे खास बात ये रही कि यह मैच घरेलू कोर्ट पर खेला गया था. इस जोड़ी ने उस साल क्ले और हार्ड कोर्ट में पांच और एटीपी टूर खिताब जोड़े, जिससे उनकी साझेदारी को एक ठोस शुरुआत मिली. पेस तथा भूपति ने 5 अक्टूबर,1997 को दिग्गज अमेरिकी खिलाड़ी जिम कूरियर तथा एलेक्स ओ ब्रायन को पराजित कर ‘चाईना ओपन टेनिस टूर्नामेंट’ का ख़िताब जीता.

1998 में, दोनों ने एक साथ छह और एटीपी टूर खिताब जीते और ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन और यूएस ओपन के सेमीफाइनल तक पहुंचे.

भारतीय टेनिस को इस उभरती हुई साझेदारी के साथ जीवन का एक नायाब करिश्मा मिलता दिख रहा था और शायद जल्द ही इन्हें अपनी क्षमता का एहसास भी हुआ.

सहस्राब्दी के अंत से पहले का वर्ष इस जोड़ी के लिए एक युग बनाने वाला साबित हुआ , जिसे प्यार से ली-हेश के नाम से जाना जाता है.

लिएंडर पेस और महेश भूपति सभी चार ग्रैंड स्लैम के पुरुष युगल फाइनल में पहुंचे जिसमें फ्रेंच ओपन और विंबलडन के साथ ही चेन्नई में एटीपी टूर खिताब के अलावा, कई अन्य पुरुष युगल खिताब भी शामिल थे.

टेनिस रैंकिंग में यह जोड़ी विश्व नंबर-1 पर पहुंच गई. 1999 ऑस्ट्रेलियन ओपन, लिएंडर पेस के लिए पहला ग्रैंड स्लैम फाइनल था और महेश भूपति के लिए तीसरा. यह दोनों खिलाड़ियों का पहला पुरुष युगल ग्रैंड स्लैम फाइनल था. लिएंडर पेस और महेश भूपति ने अगले कुछ वर्षों तक अपनी शानदार साझेदारी जारी रखी, सात एटीपी टूर खिताब जीते, 2001 फ्रेंच ओपन में एक जोड़ी के रूप में उनका तीसरा और अंतिम ग्रैंड स्लैम खिताब था और 2002 में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक हासिल किया.

लेकिन उनके रिश्ते में कुछ दरारें आ गई थीं और उन्होंने 2002 में अलग होने का फैसला किया. उसके बाद उन्होंने डेविस कप और ओलंपिक में फिर एक साथ जोड़ी बनायी लेकिन उनके बीच वह लय नहीं आ पायी जो कुछ वर्ष पहले उनके एक साथ खेलने में आती थी.इसके बावजूद दोनों का एक साथ प्रदर्शन भारत के महान खेल क्षणों में गिना जाता है.

आरआर/