गांधीनगर, 15 सितंबर . Gujarat में कच्छ जिला कला एवं हस्तकला के विषय में हमेशा अग्रसर रहा है. कच्छ के कुकडसर गांव में जन्मीं पाबीबेन रबारी ने हस्तकला क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाई है और रबारी भरतकाम (कशीदाकारी) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई है.
चौथी कक्षा में पढ़ाई अधूरी छोड़ देने वालीं पाबीबेन आज सफल एंटरप्रेन्योर हैं और अनेक महिलाओं को रोजगार के अवसर दे रही हैं. Gujarat की ऐसी ही स्वाभिमानी-उद्यमी महिलाओं की सफलता गाथा आगामी वाइब्रेंट Gujarat रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) में झलकेगी और अन्य महिलाओं को प्रेरित करेगी.
कच्छ की कर्मवीर के रूप में विख्यात पाबीबेन का जीवन चुनौतियों से भरा रहा है. पांच वर्ष की आयु में पिता को खोने के बाद वे माता के साथ पानी भरने का काम करती थीं. इसके लिए उन्हें 1 रुपया वेतन मिलता था. हालांकि पाबीबेन ने चुनौतियां स्वीकार कर कम आयु से ही कशीदाकारी (भरतकाम) सीखना शुरू किया और वे इस कला में पारंगत बनीं. आज वे पाबीबेन डॉट कॉम (पाबी डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड) नामक एक वेबसाइट चलाती हैं. हस्तकला क्षेत्र में आज यह वेबसाइट विख्यात नाम है और पाबीबेन 300 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रही हैं. हाल ही में उन्हें शार्क टैंक इंडिया में 50 लाख रुपए का फंड मिला है. शार्क टैंक इंडिया में उन्होंने परंपरागत रबारी भरतकाम तथा ई-कॉमर्स का अनूठा मिश्रण प्रदर्शित कर सबका ध्यान खींचा था.
2017 में पाबीबेन ने पांच कारीगरों के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी और आज सैकड़ों महिलाओं के लिए आर्थिक अवसरों का सृजन किया है. पाबीबेन का हरी जरी वर्क लोकप्रिय है, तो मोर, पतंगिया (पतंगे), वृक्ष आदि प्राकृतिक घाट के टोट बैग, स्लिंग बैग तथा शॉपिंग बैग भी लोग पसंद करते हैं. उनकी हस्तकला Bollywood तथा हॉलीवुड की फिल्मों में प्रदर्शित हो चुकी है. उनकी हस्तकला को स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूट-न्यूयॉर्क, द टेक्सटाइल म्यूजियम-वॉशिंगटन डीसी, ताज ग्रुप ऑफ होटल्स तथा स्वीडन की तीन वैश्विक ब्रैंड्स में भी स्थान मिला है. विशेषकर उनके द्वारा की गई कशीदाकारी से तैयार केडियुं तथा कंजिरी रबारी परंपरा को आधुनिक पीढ़ी तक पहुंचाते हैं.
हाल में कच्छ की अंजार तहसील में स्थित पाबीबेन ने अपने उद्यम के जरिए ग्रामीण स्तर पर उद्यमिता को उजागर किया है और कच्छ की समृद्ध भरतकाम विरासत को वैश्विक स्तर पर ख्याति दिलाई है. उन्होंने कच्छ ही नहीं, बल्कि समग्र राज्य की महिलाओं को प्रेरित किया है.
आगामी वाइब्रेंट Gujarat रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) में पाबीबेन जैसी उद्यमी महिलाओं की साफल्य गाथा प्रकाशित की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि वाइब्रेंट Gujarat समिट के अंतर्गत Gujarat कुल चार स्थानों पर वीजीआरसी का आयोजन करने जा रहा है. इन कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य स्थानीय महिलाओं को परंपरागत कौशल अपनाने एवं टिकाऊ आजीविका प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है. वीजीआरसी राज्य की उद्यमिता को प्रदर्शित करेंगी एवं सृजनात्मकता को नए पंख देंगी.
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एसके/एएस