विएंतियाने, 11 अक्टूबर . आसियान शिखर सम्मेलन के लिए लाओस पहुंचने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाओ रामायण की एक प्रस्तुति देखी. इसे ‘फलक फलम’ या ‘फ्रा लक फ्रा राम’ भी कहा जाता है. लुआंग प्रबांग के प्रतिष्ठित रॉयल थिएटर द्वारा इसका प्रदर्शन किया गया.
रामायण दोनों देशों के बीच साझा विरासत और सदियों पुराने सभ्यता संबंध का प्रतीक है. लाओ रामायण सदियों से लाओस की संस्कृति का हिस्सा रही है.
पीएम मोदी की यात्रा के दौरान भारत और लाओस के बीच संबंधों को और मजबूती देते हुए दोनों देशों ने रक्षा सहयोग सहित सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्सय सिफानदोन के बीच शुक्रवार को विएंतियाने में द्विपक्षीय वार्ता के बाद यह समझौते हुए.
मेकांग-गंगा सहयोग के तहत तीन क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट (क्यूआईपी) का भी आदान-प्रदान किया गया. इनमें से प्रत्येक में लगभग 50000 अमेरिकी डॉलर की भारतीय अनुदान सहायता शामिल है.
ये तीनों प्रोजेक्ट लाओ रामायण की विरासत के संरक्षण, रामायण से संबंधित भित्तिचित्रों के साथ वाट पकेया बौद्ध मंदिर के जीर्णोद्धार और चंपासक प्रांत में रामायण पर छाया कठपुतली थियेटर से संबंधित हैं.
भारत लाओस में पोषण सुरक्षा में सुधार के लिए लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता भी प्रदान करेगा.
पीएमओ के अनुसार, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और घनिष्ठ साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
राष्ट्रपति सिसोउलिथ ने तूफान यागी के कारण आई बाढ़ के मद्देनजर लाओ पीडीआर को भारत की मानवीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.
–
एमके/