धनबाद, 9 नवंबर . लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को धनबाद जिले की बाघमारा विधानसभा सीट पर चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए देश में जातीय जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म करने का संकल्प व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि हम ये दोनों काम हि में जरूर कर दिखाएंगे. जिस दिन जातीय जनगणना हो गई, उस दिन देश में क्रांतिकारी राजनीति की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि हम उस हिंदुस्तान को बदलना चाहते हैं, जहां गरीब मजदूर पसीना बहाकर विशाल इमारत, मॉल और दफ्तर तो बनाते हैं, लेकिन उसके अंदर उन्हें प्रवेश की इजाजत नहीं होती.
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के बजट के जरिए रुपयों का खर्च करने का निर्णय लेने वाले 90 अफसरों में मात्र एक आदिवासी, तीन दलित और तीन पिछड़े वर्ग हैं. इन अफसरों के पास मात्र 6 रुपये 10 पैसे खर्च करने अधिकार है. हम चाहते हैं कि पैसा कहां और कैसे खर्च होगा, यह निर्णय लेने का अधिकार 90 फीसद आबादी वाले आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को मिले. यह बदलाव जातीय जनगणना से ही आएगा.
नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कभी गरीबों, आदिवासियों, पिछड़ों के पास नहीं जाते. वह कभी किसी किसान से गले नहीं मिलते. किसी गरीब के घर शादी में नहीं जाते. उनका ऐसे लोगों से कोई वास्ता नहीं. राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस वाले आदिवासी को वनवासी कहकर उन्हें गरीब बनाए रखना चाहते हैं. उनके जल, जंगल और जमीन पर अधिकार से वंचित रखना चाहते हैं. हम उन्हें अधिकार देना चाहते हैं. आज मीडिया, ज्यूडिशरी, प्रशासनिक सेवा, कॉरपोरेट घराने और प्राइवेट संस्थानों में कोई आदिवासी और दलित अधिकारी आपको नहीं मिलेगा.
कांग्रेस नेता ने वादा किया कि झारखंड में इंडिया ब्लॉक की सरकार बनते ही हर महिलाओं के खाते में 2500 रुपये महीने भेजे जाएंगे. उन्होंने आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का आरक्षण बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया. राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों का आरक्षण 26 से बढ़कर 28 फीसद, दलितों का 10 से बढ़कर 12 फीसद और ओबीसी वर्ग कस 14 से 27 फीसद करेंगे. इसके अलावा उन्होंने हर व्यक्ति को हर महीने सात किलो राशन और साढ़े चार सौ रुपये में गैस सिलेंडर देने का वादा किया.
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एसएनसी/