कैमूर, 9 मार्च . आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण ने रविवार को कैमूर जिले के मोहनिया स्थित चांदनी चौक पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
इस मौके पर उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थकों का हुजूम मौजूद रहा और चंद्रशेखर के समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
इस दौरान बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि पिछली बार बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने मजबूती से चुनाव लड़ा था, हालांकि उस समय पार्टी नई थी और उसका चुनाव चिह्न भी नया था, जिसके कारण वे अपनी उपस्थिति सही ढंग से दर्ज नहीं करा पाए.
चंद्रशेखर आजाद रावण ने कहा, “पिछली बार हमारी पार्टी की स्थिति कुछ कमजोर थी, लेकिन इस बार हमारे प्रदेश की टीम ने जिस तरह से मेहनत की है, उससे हमें पूरा विश्वास है कि आजाद समाज पार्टी यहां एक बड़ी और ताकतवर पार्टी बनेगी.”
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में जिस प्रकार का अन्याय युवाओं, महिलाओं, दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों पर हो रहा है, उससे लोग तंग आ चुके हैं और वे बदलाव चाहते हैं. पार्टी इस बार संगठित और प्रभावशाली तरीके से चुनाव में उतर रही है और लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है. आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता और नेता इस बार किसी भी परिस्थिति से लड़ने के लिए तैयार हैं. हमें भरोसा है कि हमारी पार्टी इस बार बिहार के राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन लाएगी.
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बिहार ही वह राज्य होगा जहां इस तरह की सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली सरकार की समाप्ति होगी. बिहार से ही सामंतवादी सरकार का अंत होगा. बिहार में दलितों, पिछड़ों, महिलाओं और अन्य कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी लगातार संघर्ष कर रही है. बिहार में लोगों को अब सांप्रदायिक और सामंती ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा और बदलाव की ओर कदम बढ़ाना होगा.
चंद्रशेखर आजाद रावण ने बाबा साहेब के योगदान को याद करते हुए उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का संघर्ष दलितों और पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए था और उनका सपना था कि समाज में समानता हो. भीम आर्मी उनकी विचारधारा को आगे बढ़ा रही है और समाज में भेदभाव के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रही है.
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एकेएस/