हमारा एक ही मकसद है, महाराष्ट्र को फिर से विकास के पथ पर ले जाए : प्रियंका चतुर्वेदी

मुंबई, 15 नवंबर . महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को से बातचीत की. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव सहित अन्य मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी है.

सवाल: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने महा विकास अघाड़ी को अपना समर्थन दिया है. इसके बारे में आप क्या कहेंगी?

जवाब: मौलाना सज्जाद नोमानी भारतीय नागरिक हैं उन्हें वोट देने का अधिकार है. महा विकास अघाड़ी ने उनसे कोई बात नहीं की है. वोटर का अपना अधिकार है कि किसे समर्थन देना चाहता है. मुझे लगता है कि मीडिया को इस मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए. उन्होंने एक लिस्ट भी दिखाई जिसमें उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र की 38 ऐसी सीटें हैं जहां 20 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी है. वोट शेयर का जो फायदा हुआ है वह भाजपा को हुआ है. भाजपा सिर्फ धर्म के नाम पर बांटने का काम करती है. हमारे लिए महाराष्ट्र का मुद्दा बेरोजगारी, महिला सम्मान आदि हैं.

सवाल: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम की पत्नी पर बयान दिया है. उस पर आपकी क्या राय है?

जवाब: मैंने उनका बयान देखा है. यह कोई सेक्सिस्ट बयान नहीं था. कन्हैया कुमार ने कहा है कि धर्म युद्ध के नाम पर अपने बच्चों को विदेश भेजते हैं. आग में हमारे बच्चों को झोंकते हैं. इनके बच्चे विदेश में पढ़ेंगे. अगर उन्होंने कहा है कि डिप्टी सीएम की पत्नी रील बनाती है तो क्या गलत कहा है. महिलाओं के मुद्दे काफी बड़े हैं. इन छोटी चीजों में नहीं डालना चाहिए. इंस्टाग्राम रील बनाना कोई गलत नहीं है. मैं भी रील बनाती हूं.

सवाल: महाराष्ट्र चुनाव में क्या स्थिति है और आपको क्या लग रहा है?

जवाब: आत्मविश्वास भरपूर है. लोकसभा में हमें जनता ने समर्थन दिया है. भाजपा ने विज्ञापन पर करोड़ों खर्च किया है. लेकिन, जनता भ्रमित नहीं होने वाली है. महिलाओं को 1,500 रुपये दिए लेकिन महंगाई इतनी बढ़ गई है. महा विकास अघाड़ी जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है. आखिरी के चार दिन में मुझे विश्वास है कि लोकसभा में जिस तरह का समर्थन हमें जनता से मिला है, हमें विधानसभा के चुनाव में भी मिलेगा.

सवाल: मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कांग्रेस का दावा है कि सीएम तो कांग्रेस पार्टी से ही बनेगा, कैसे?

जवाब: हमारा एक ही मकसद है कि महाराष्ट्र को फिर से विकास के पथ पर ले जाएं. जिस तरह से हमारे साथ बेईमानी की गई, हमारे साथ छल किया गया, महाराष्ट्र की संस्कृति पर धब्बा लगा है.

सवाल: केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा है कि कोविड के दौरान उद्धव ठाकरे घर में बैठे थे, क्या ऐसा सीएम हमें स्वीकार है. इस पर आपका क्या कहना है?

जवाब: डरपोक वह होते हैं जो रात के अंधेरे में सरकार गिराने की कोशिश करते हैं. वे लोग जो सत्ता बल का इस्तेमाल करके आते हैं, असली नेता नहीं होते हैं. डरपोक वो लोग होते हैं जिनकी हिम्मत नहीं होती है कि जनता के बीच जाकर जनता का समर्थन लें.

सवाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा में कहा है कि कांग्रेस आती है तो आरक्षण छीन लेगी. आपकी प्रतिक्रिया?

जवाब: मैं उनसे कहना चाहती हूं कि लोकसभा चुनाव के दौरान आपके प्रत्याशी कहते थे 400 पार. आरएसएस का एजेंडा आरक्षण को खत्म करना है. वे बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए अधिकारों को छीनना चाहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र की जनता इसका विरोध करेगी. बाबा साहेब ने आरक्षण दिया है. किसी की हिम्मत नहीं है इसे बदल दें. आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं.

सवाल: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे की चेकिंग हुई? इसे आप किस प्रकार देखती हैं?

जवाब: चुनाव आयोग का इतना प्रेम हमारी पार्टी के प्रति है कि उन्होंने हमारे पार्टी प्रतीक और नाम को भी छीन लिया. यह केवल एक राजनीतिक षड्यंत्र है और हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. चुनाव के लिए चार दिन बचे हैं. वह चेकिंग करते रहें. जितनी बार वह चेकिंग करेंगे हम वीडियो रिलीज करेंगे.

सवाल: डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा है कि 10 फीसदी मुसलमान समुदाय से आने वाले लोगों को प्रत्याशी बनाया. इस पर आपका क्या कहना है?

जवाब: मुझे तो देवेंद्र फडणवीस पर तरस आता है जिनके खिलाफ वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं वह उनके बगल में बैठ जाते हैं. अजित पवार ने यह भी बताया है कि सरकार बनाने की कैसे कोशिश हुई थी. आज पता चल रहा है कि किस-किस ने सरकार को गिराने के लिए झूठ परोसा है. वह अब हमदर्दी पाना चाहते हैं.

सवाल: प्रमोद महाजन की हत्या को लेकर उनकी बेटी सवाल उठा रही हैं. आप इस पर क्या कहेंगी?

जवाब: उनकी बेटी का राजनीति में नाम है. अगर वह ऐसा कह रही हैं तो संज्ञान लेना महत्वपूर्ण है. जांच होनी चाहिए. प्रमोद महाजन बड़े नेता थे. आने वाले समय में वह बड़ा चेहरा होते, शायद वह प्रधानमंत्री भी हो सकते थे.

डीकेएम/एकेजे