हमारा जीवन श्याओमान की तरह होना चाहिए!

बीजिंग,18 मई . इस साल 20 मई को चीन में एक महत्वपूर्ण सौर चक्र श्याओमान मनाया जाएगा. चीनी संस्कृति में एक कहावत है कि जीवन श्याओमान की तरह होना चाहिए, पूर्ण खिलने से पहले फूलों की सुंदरता की सराहना करना और उसके पूर्ण चरण तक पहुंचने से पहले चंद्रमा की सराहना करना.

ऐसा इसलिए है] क्योंकि श्याओमान का अर्थ उसकी अपूर्णता में निहित है. श्याओमान गर्मियों का दूसरा सौर चक्र है, जो गर्मी और वर्षा में क्रमिक वृद्धि को दर्शाता है. यह ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है.

श्याओमान दिवस पर उत्तरी चीन में 24 सौर चक्रों के बीच सबसे लंबी धूप अवधि का अनुभव होता है. इस दौरान अधिक पानी पीने और प्रचुर मात्रा में सब्जियों और फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है. चीन के थांग राजवंश के एक प्रसिद्ध कवि ली पाई ने श्याओमान सौर चक्र को समर्पित एक कविता, “पर्वत पर विचार-विमर्श” की रचना की. इस कविता में, वह इस बात पर विचार करते हैं कि क्यों वह दुनिया की परेशानियों से बचकर पहाड़ों में चुपचाप रहते हैं. जब आड़ू के फूल गिरते हैं और धीरे-धीरे नदी में तैरते हैं तब दृश्य एक वास्तविक परीलोक जैसा दिखता है.

कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में श्याओमान के दौरान जल-चरखी देवता से प्रार्थना की जाती है. यह अनुष्ठान प्राचीन काल से चला आ रहा है] जब जल-चरखी का उपयोग करके सिंचाई करना कृषि के लिए महत्वपूर्ण था. जल-चरखी का काम परंपरागत रूप से श्याओमान दिवस पर शुरू होता है. इसके अलावा, यह माना जाता है कि श्याओमान रेशमकीट देवता का जन्मदिन है. दक्षिणी चीन अपने रेशम उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, जो रेशम के कीड़ों के पालन से प्राप्त होता है. इसलिए, चीन के च्यांग्सू और चच्यांग प्रांतों में रेशम उत्पादन अविश्‍वसनीय रूप से लोकप्रिय है, और श्याओमान के दौरान रेशमकीट देवता दिवस के रूप में जाना जाने वाला एक विशेष दिन मनाया जाता है.

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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