अकरा, 3 जुलाई . भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना गणराज्य की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि मैं घाना गणराज्य की संसद को संबोधित करके बहुत ही सम्मानित महसूस कर रहा हूं. घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है, जो लोकतंत्र की भावना को प्रसारित करती है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में मैं 1.4 बिलियन भारतीयों की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं और सद्भावना लेकर आया हूं.
उन्होंने कहा कि जब हम घाना को देखते हैं तो हम एक ऐसे राष्ट्र को देखते हैं, जो साहस के साथ खड़ा है- एक ऐसा राष्ट्र, जो सम्मान और शालीनता से हर चुनौती का सामना करता है. समावेशी प्रगति के प्रति आपकी प्रतिबद्धता ने वास्तव में घाना को पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए प्रेरणा का केंद्र बना दिया है. आपका राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करना एक बहुत बड़ा सम्मान है और मैं इसे हमेशा संजोकर रखूंगा.
उन्होंने कहा कि भारत को अक्सर लोकतंत्र की जननी कहा जाता है. हमारे लिए लोकतंत्र केवल शासन की व्यवस्था नहीं है, यह जीवन जीने का एक तरीका है, जो हमारे मौलिक मूल्यों में गहराई से निहित है. हजारों वर्षों से हमने लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कायम रखा है. वैशाली के प्राचीन गणराज्य से लेकर दुनिया के सबसे पुराने शास्त्रों में से एक ऋग्वेद के ज्ञान तक, जिसमें कहा गया है, ‘सभी दिशाओं से अच्छे विचार हमारे पास आएं.’ विचारों के प्रति यह खुलापन हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार के मूल में है. आज भारत में 2,000 से अधिक राजनीतिक दल, 22 आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हैं. यह विविधता कोई चुनौती नहीं है. यह हमारी ताकत है. यही कारण है कि सदियों से भारत आने वाले लोगों का हमेशा खुले दिल से स्वागत किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपकी अनुमति से मैं कह सकता हूं कि हमारी दोस्ती घाना के प्रसिद्ध शुगर लोफ अनानास से भी ज्यादा मीठी है. घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ मिलकर हम अपने संबंधों को एक व्यापक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा कि कितना सुखद संयोग है कि भारत के कई गौरव भरे क्षणों में अफ्रीका जुड़ा हुआ है. जब भारत ने चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड किया तो उस दिन भी मैं अफ्रीका में था और आज जब एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री मानवता के लिए स्पेस स्टेशन में एक्सपेरिमेंट कर रहा है तो भी मैं अफ्रीका में हूं.
उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. हम पहले से ही वैश्विक विकास में लगभग 16 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं. भारत दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम का हब है. हम नवाचार और प्रौद्योगिकी के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरे हैं और हमें गर्व से दुनिया की फार्मेसी के रूप में पहचाना जाता है. भारतीय महिलाएं विज्ञान, विमानन और खेल में अग्रणी हैं. भारत चांद पर उतर चुका है.
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डीकेपी/एबीएम