महाराष्ट्र की तस्वीर बदल देगा हमारा बजट प्रस्ताव : उपमुख्यमंत्री

मुंबई, 5 जुलाई . महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, जिनके पास वित्त मंंत्रालय भी है, ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार के बजट प्रस्ताव राज्य की तस्वीर बदल देंगे.

उपमुख्यमंत्री ने कहा,”मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना, किसानों को 7.5 एचपी तक मुफ्त बिजली, महिलाओं को तीन मुफ्त सिलेंडर, युवाओं को प्रशिक्षण सहित कई अन्य प्रस्तावों से जहां राज्य के विकास में तेजी आएगी, वहीं समाज के सभी वर्गों के विकास को बढ़ावा मिलेगा.”

उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्ष का लोकसभा चुनावों के दौरान किया गया झूठा वादा काम नहीं करेगा. हमारी सरकार बजट प्रस्तावों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.

उपमुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में बजट पर बहस के जवाब में महाराष्ट्र को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के राज्य सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि सरकार ने इस संबंध में कई कदम उठाए हैं.

उपमुख्यमंत्री ने कहा, “मौजूदा डॉलर की दर पर, ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था 82.92 लाख करोड़ रुपये की होगी. 2024-25 में राज्य की अर्थव्यवस्था 44.44 लाख करोड़ रुपये की होने की उम्मीद है. यह 2023-24 के जीएसडीपी की तुलना में 10.9 प्रतिशत अधिक है.”

बढ़ते सार्वजनिक ऋण पर विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए, उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 2024-25 में सार्वजनिक ऋण 7.82 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है. यह जीएसडीपी के 25 प्रतिशत की सीमा के मुकाबले सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 18.35 प्रतिशत होगा.

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ सार्वजनिक ऋण में वृद्धि होना तय है, लेकिन सरकार बढ़ेे हुए राजस्व के साथ इस बोझ को वहन करने में सक्षम है. सरकार का अनुमान है कि ब्याज भुगतान के लिए 56,722 करोड़ रुपये खर्च होगा.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 2024-25 में अनुमानित 20,051 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा और 1.10 लाख करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजटीय प्रबंधन अधिनियम में निर्धारित जीएसडीपी की सीमा के भीतर है. यह वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा के अनुसार भी है.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अब भी देश के दूसरे राज्यों की तुलना में घरेलू व विदेशी निवेश अधिक हो रहा है. इस मामलेे में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है.

उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष से भ्रामक बयान न देने की अपील की. उन्होंनेे कहा कि इससे निवेश प्रभावित हो सकता है.”

उन्होंने बल्क ड्रग पार्क, टाटा एयरबस डिफेंस हेलीकॉप्टर निर्माण परियोजना और सफ्रान परियोजना को दूसरे राज्यों में ले जाने से संबंधित विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया.

उन्होंने कहा, “सरकार ने जमीन चिन्हित कर ली है और बल्क ड्रग परियोजना विकसित कर रही है. सरकार को टाटा एयरबस परियोजना के लिए कोई प्रस्ताव नहीं मिला था. सफ्रान के एमआरओ प्रोजेक्ट के मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही घोषणा कर चुके हैं. विपक्ष के दावों में कोई सच्चाई नहीं है.”

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता संभालने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने राज्य में 76 हजार करोड़ रुपये की वधावन बंदरगाह परियोजना को मंजूरी दे दी है. इससे 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी. उन्होंने कहा कि वधावन बंदरगाह में निवेश बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये हो सकता है.

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