New Delhi, 18 सितंबर . राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के एक अधिकारी ने बताया कि बरेली के वन्यजीव विशेषज्ञ Thursday को दिल्ली चिड़ियाघर के अफ्रीकी हाथी ‘शंकर’ की रहस्यमय मौत की उच्च स्तरीय जांच में शामिल हुए.
अधिकारी ने बताया कि 29 साल का यह अफ्रीकी हाथी कुछ दिनों से भूख न लगने के लक्षण दिखा रहा था, जो Wednesday रात करीब 8 बजे अचानक अपने शेड में गिर गया.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “आगे की जांच के लिए बरेली के आईवीआरआई, हेल्थ एडवाइजरी कमेटी और मंत्रालय के प्रतिनिधि की एक विशेषज्ञ टीम पोस्टमार्टम कर रही है. पोस्टमार्टम और जरूरी सैंपल लेने के बाद शव को नियमानुसार नष्ट कर दिया जाएगा.”
जू के निदेशक संजीव कुमार ने कहा, “शंकर ताकत, समझ और प्यार का प्रतीक था और जू के कई सदस्य उससे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे. उसके जाने से जू की टीम, आगंतुकों और पूरे संरक्षण समुदाय को गहरा दुख हुआ.”
शंकर 27 साल से नेशनल जूलॉजिकल पार्क का एक महत्वपूर्ण सदस्य था, जो नवंबर 1998 में जिम्बाब्वे से आया था.
अफ्रीकी हाथी अपने शांत स्वभाव और शाही अंदाज के लिए आगंतुकों का पसंदीदा था और जू के कर्मचारियों को भी उससे बहुत लगाव था.
बयान में कहा गया कि Wednesday सुबह देखा गया कि शंकर कम पत्तियां और घास खा रहा था, उसे हल्का दस्त भी था, लेकिन वह बाकी चीजें जैसे फल, सब्जियां और कंसंट्रेट सामान्य रूप से खा रहा था. एनजेडपी की पशु चिकित्सा टीम ने उसका इलाज किया और पशुपालन कर्मचारी उसकी लगातार निगरानी कर रहे थे.
उसी दिन शाम करीब 7.25 बजे शंकर गिर गया और आपातकालीन उपचार के बावजूद उसकी मौत हो गई. बयान में कहा गया कि Tuesday तक उसकी कोई बीमारी या असामान्य व्यवहार की कोई खबर नहीं थी.
केंद्र Government के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा संचालित दिल्ली चिड़ियाघर में 130 अलग-अलग प्रजातियों के 1300 से अधिक जानवर हैं.
हर साल 176 एकड़ में फैले इस परिसर में 20 लाख से अधिक प्रकृति प्रेमी आते हैं.
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डीकेपी/