Mumbai , 14 जुलाई . महाराष्ट्र विधानसभा की सीढ़ियों पर Monday को विपक्षी दलों ने State government की नीतियों और विचारधारा के खिलाफ मौन प्रदर्शन किया. इस विरोध में नेताओं ने बिना नारेबाजी के हाथों में पोस्टर लिए खामोशी से अपनी नाराजगी जताई.
यह प्रदर्शन सोलापुर के अक्कलकोट में संभाजी ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण गायकवाड़ पर स्याही फेंके जाने की घटना के विरोध में किया गया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार और जितेंद्र आव्हाड ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया. सोलापुर के अक्कलकोट में Sunday शाम को कुछ अज्ञात लोगों ने प्रवीण गायकवाड़ पर स्याही फेंककर हमला किया था. इस घटना को विपक्ष ने सरकार की विचारधारा से जोड़ते हुए इसे असहिष्णुता का प्रतीक बताया.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की Lok Sabha सदस्य सुप्रिया सुले ने संभाजी ब्रिगेड के संस्थापक सदस्य प्रवीण गायकवाड पर हुए हमले की Monday को निंदा की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
पुणे में सुले ने कहा कि यह ‘हैरान करने वाली बात है’ कि घटना की गंभीरता के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई.
रोहित पवार ने कहा, “यह हमला न केवल प्रवीण गायकवाड़ पर है, बल्कि यह महाराष्ट्र की प्रगतिशील विचारधारा और सामाजिक समरसता पर हमला है. सरकार की नीतियां ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही हैं.”
जितेंद्र आव्हाड ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि यह सरकार के संरक्षण में हो रही गुंडागर्दी का नमूना है. उन्होंने मांग की कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.
विपक्षी नेताओं ने विधानसभा की सीढ़ियों पर अपने हाथों में तख्तियां लेकर खड़े होकर मौन प्रदर्शन किया. इन तख्तियों पर सरकार की नीतियों के खिलाफ संदेश लिखे थे, जैसे “असहिष्णुता बंद करो” और “महाराष्ट्र की विचारधारा की रक्षा करो.”
इस प्रदर्शन में विपक्षी दलों के कई विधायक और कार्यकर्ता शामिल हुए. विपक्ष का कहना है कि यह प्रदर्शन केवल एक शुरुआत है और वे महाराष्ट्र की प्रगतिशील और समावेशी संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे.
इस मौन प्रदर्शन ने विधानसभा परिसर में सभी का ध्यान खींचा और सरकार पर दबाव बढ़ाने का काम किया.
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वीकेयू/डीएससी