New Delhi, 28 जुलाई . संसद के मानसून सत्र में Monday को उस समय भारी हंगामा हुआ जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सरकार से चर्चा की मांग की. इस मांग पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए, जिससे Lok Sabha की कार्यवाही प्रभावित हुई और कई बार स्थगन की नौबत आई.
भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ है और पहले दिन से ही विपक्ष बेवजह के मुद्दों को लेकर सदन की कार्यवाही में रुकावट डाल रहा है. सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के लिए हामी भरी, फिर भी विपक्ष आज एसआईआर का नया मुद्दा लेकर सामने आया है और सदन चलने नहीं दिया. जब सरकार चर्चा के लिए तैयार है, फिर हंगामा क्यों? विपक्ष के पास ठोस तथ्य नहीं हैं, इसलिए वे केवल विफलताओं को छुपाने के लिए शोर कर रहे हैं.
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने एसआईआर को लोकतंत्र से जुड़ा सबसे अहम मुद्दा करार देते हुए कहा कि अगर देश के नागरिकों को यह डर हो जाए कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा, तो यह गंभीर चिंता का विषय है. हमने केवल 30 सेकंड की अनुमति मांगी थी ताकि एसआईआर मुद्दे को सदन में रख सकें. सरकार चर्चा से बच रही है. हमने स्पीकर से भी आग्रह किया, पर माइक देना तक मुश्किल हो गया है.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर सदन से सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे गंभीर मामलों पर सरकार चर्चा नहीं चाहती. हम न तो वेल में गए, न ही नारेबाजी की, फिर भी विपक्ष की आवाज को दबा दिया गया. सरकार नहीं चाहती कि देश सच जाने.
कांग्रेस सांसद प्रणिती शिंदे ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह सहयोग को तैयार था. हमने न तो शोर मचाया, न वेल में गए, फिर भी स्पीकर ने सदन स्थगित कर दिया. हमारी स्पीच ऑपरेशन सिंदूर पर तैयार थी. लेकिन, सरकार चर्चा से भाग रही है. हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि सरकार एसआईआर पर भी चर्चा का वचन दे.
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि सरकार पहलगाम और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा से बच रही है. उन्होंने कहा कि पहले भी हमने स्पेशल सेशन बुलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने कोई तारीख तय नहीं की. आज भी सरकार नए-नए बहाने बना रही है, ताकि चर्चा न करनी पड़े. प्रधानमंत्री सदन में मौजूद नहीं हैं, सरकार बहस से डर रही है.
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पीएसके/एबीएम