मानसून सत्र का दूसरा दिन, बिहार एसआईआर मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष का हंगामा

New Delhi, 22 जुलाई . मानसून सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत निचले सदन में भारी हंगामे के साथ हुई है. प्रश्नकाल में किसानों और खेती के विषयों पर Government को जवाब देना था. हालांकि विपक्ष के सदस्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विषय पर चर्चा के लिए अड़ गए. परिणामस्वरूप, Lok Sabha की कार्यवाही लगातार बाधित रही.

संसद में विपक्ष के हंगामे के कारण Tuesday को प्रश्नकाल नहीं चल सका. स्पीकर ओम बिरला की तरफ से विपक्ष के सदस्यों को समझाने की कोशिश की गई. हंगामा बरकरार रहने पर Lok Sabha स्पीकर ने कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. हालांकि, 12 बजे भी कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा हुआ. इस कारण सदन को दोपहर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा.

सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. बैनर-पोस्टर लेकर विपक्षी दलों के सदस्य संसद परिसर के मकर द्वार पर एकजुट हुए और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान एसआईआर मुद्दे पर नारेबाजी की गई.

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “आधार कार्ड को सभी चीजों का वेरिफिकेशन करके Government ने बनाया था. बिहार में एसआईआर में उसी आधार कार्ड को मानने को तैयार नहीं है. क्या चुनाव आयोग तय करेगा कि हम देश के नागरिक हैं या नहीं?”

सांसद रेणुका चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा, “2024 के Lok Sabha चुनाव में कोई विषय नहीं था. बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक है और पश्चिम बंगाल-असम के चुनाव होने हैं तो अब (आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है) दिक्कत है. लगभग 3 करोड़ मतदाताओं के वैरिफिकेशन की बात सामने आई है. ये बताएं कि चंद दिनों में कैसे वेरिफिकेशन हो सकता है. इसका मतलब है कि आपके पास पहले से लिस्ट तैयार है.”

उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर लोगों को परेशान किया गया है. सबसे ज्यादा गरीब, दलित और शोषित तबका परेशान है. मतदाता के लिए जरूरी कागजात होने पर तमाम नियम लगा रहे हैं. ये षड्यंत्र का हिस्सा है.

विरोध प्रदर्शन के बीच Samajwadi Party सांसद राजीव राय ने चुनाव आयोग पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने चुनाव आयोग को देश में ‘सबसे बड़ा खतरा’ बताया.

टीएमसी की सांसद सागरिका घोष ने आरोप लगाए कि एसआईआर के जरिए लोगों के वोट छीने जा रहे हैं. एसआईआर प्रक्रिया एक तरीके से एनआरसी को पीछे के दरवाजे से लागू करना है. उन्होंने कहा कि इसका हम सख्त विरोध करते हैं.

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