अल्पसंख्यकों को पीएम मोदी की गारंटी पर भरोसा, विपक्ष करता है टारगेट : दानिश अंसारी (आईएएनएस साक्षात्कार)

लखनऊ, 23 मार्च . लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. यूपी में सभी दलों के नेता चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. इसी बीच योगी सरकार के युवा और तेज तर्रार अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने से चुनाव के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की.

उनका मानना है कि अल्पसंख्यकों को मोदी की गारंटी पर भरोसा है, विपक्ष सिर्फ उन्हें टारगेट करता है.

सवाल : सीएए पर विपक्ष सवाल उठा रहा है कि इसे चुनाव के समय क्यों लाया गया. मंशा ध्रुवीकरण की है क्या?

जवाब : देखिए विपक्ष का यह सवाल चुनाव के समय बेवजह का मुद्दा है. ध्यान भटकाने की नाकाम कोशिश है. एक जिम्मेदार सरकार का यह कर्तव्य है कि वह समाज की जरूरतों को समझे. उन्हें पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए. मोदी सरकार अपने इसी कर्तव्यनिष्ठा के लिए जानी जाती है.

2014 से लेकर अब तक पीएम मोदी ने देश की तरक्की, उन्नति, देश की क्षमताओं के विस्तार और जन-जन की सेवा के लिए पूरी ईमानदारी व तत्परता से काम किया है. अब जन-जन को भरोसा है. पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने हमेशा स्पष्ट रूप से कहा है सीएए नागरिकता देने का कानून है. इससे देश के किसी भी जाति, धर्म और मजहब के व्यक्ति की नागरिकता नहीं जा सकती है.

सीएए केवल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित अल्पसंख्यक को नागरिकता देने का कानून है. अल्पसंख्यकों को मोदी की गारंटी पर भरोसा है. विपक्ष, इन्हें टारगेट करता रहा है. उसने इन्हें सिर्फ वोट बैंक समझा है. गुमराह और भ्रमित किया है. उनके मुख्य मुद्दे से विपक्ष हमेशा ही दूर रहा है. इनका मुख्य मुद्दा उनके तालीम, रोजगार और सुरक्षा का है. मोदी सरकार ने ईमानदारी से इसमें काम किया है. जमीनी स्तर पर परिणाम भी दिख रहे हैं.

सवाल : कुछ अल्पसंख्यक भी सवाल उठा रहे हैं. उन्हें कैसे समझाएंगे?

जवाब : सीएए, एक कॉमन ड्राफ्ट है. उस ड्राफ्ट को सबको पढ़ना चाहिए. वह पब्लिक प्लेटफॉर्म पर है. मुझे उम्मीद है तमाम लोगों ने उसे पढ़ा भी होगा. तभी आज सीएए लागू हुए इतने दिन हो गए और सभी जगहों पर समर्थन मिला है. हां, कुछ विपक्षी दल और कुछ राजनीतिक लोग साजिश के तहत समाज में भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहते हैं. इसके पीछे का उनका ऐजेंडा केवल चुनाव में अपना पॉलिटिकल गेम सेट करना है.

कांग्रेस के शासन काल में अल्पसंख्यक समाज को विकास से दूर रखा गया. शिक्षा की दिशा में कोई काम नहीं हुआ. सपा ने भी इनकी शिक्षा व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए कोई काम नहीं किया. अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए कोई काम नहीं हुआ. कांग्रेस समेत अन्य दल आजादी के बाद से आज तक अल्पसंख्यक समाज को गलत मुद्दों पर भटका रही है. विकास से पीछे रखने की लगातार कोशिश कर रही है. मोदी सकर इन्हें मुख्यधारा से जोड़ रही है. यही वजह है कि सीएए के मुद्दे पर भी अल्पसंख्यक मोदी सरकार के साथ हैं.

सवाल : लोकसभा चुनाव की क्या तैयारी है?

जवाब : पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है. यूपी की 80 की 80 सीटें जीत रही है. मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा है. मोदी ने समाज के विकास, उन्नति, भारत की क्षमताओं को आगे बढ़ाने और नौजवानों के हाथों को मजबूत करने का काम किया है. इतना ही नहीं, अल्पसंख्यक, पिछड़े व दलित समाज के उत्थान के लिए काम किया गया. यह अपने आप में बहुत ही अभूतपूर्व है. इंडिया गठबंधन के तहत निजी स्वार्थ के लिए एकजुट हो रहे तमाम विपक्षी दलों की यही मुसीबत है.

सवाल : विपक्ष मोदी सरकार पर सीबीआई, ईडी के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा रहा है. क्या कहेंगे?

जवाब : अपने शासनकाल में लूट और भ्रष्टाचार को अपना ऐजेंडा बनाने वाले कांग्रेस और सपा को इस तरह के सवाल करने का नैतिक अधिकार नहीं है. जनता के गाढ़ी कमाई को लूटाने वालों को जनता समझ रही है. इन दलों ने अपनी सरकारों में करदाताओं के पैसे से निजी ऐजेंडे पूरे किए हैं. सपा के शासनकाल की गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार को कोई भूला नहीं होगा. जनता सब जानती है. उनके नेता अलग-अलग घोटालों में संलिप्त थे. यह प्रकृति का नियम है कि जो जैसा बोता है, वैसा ही काटता भी है. उन्होंने जो कुकर्म किए हैं, जनता वैसा ही फल भी दे रही है. जांच एजेंसियां निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से अपना काम कर रहीं हैं.

सवाल : भाजपा के अब तक के घोषित उम्मीदावारों में कोई अल्पसंख्यक नाम नहीं है. ऐसा क्यों?

जवाब : अल्पसंख्यक समाज के सच्चे हितैषी भाजपा, पीएम मोदी व यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ हैं. केवल विधानसभा और लोकसभा के टिकट देने से अल्पसंख्यकों का विकास नहीं हो सकता है. अल्पसंख्यक समाज को टिकट देना, विकास का कोई पैरामीटर नहीं है. इस समाज के विकास का पैरामीटर उनकी शिक्षा और रोजगार है. उनको बेहतर अवसर देना है. जो भाजपा, पीएम मोदी और योगी सरकार ने किया है. हर तरह की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का कार्य मोदी और योगी सरकार ने किया है. राजनीतिक हिस्सेदारी भी देखिए. दो-दो विधान परिषद के सदस्य, यूपी के विभिन्न निगम, बोर्ड व आयोगों में अल्पसंख्यक ही चेयरमैन व सदस्य तथा राज्यसभा सदस्य भी हैं. अनेक अल्पसंख्यकों को पद्मश्री पुरस्कार मिला है. देश के सर्वोच्च सम्मान से भी नवाजा गया है.

सवाल : यूपी में अवैध मदरसे को लेकर बहुत रस्साकस्सी है. इसमें फंडिंग का क्या मामला है?

जवाब : यूपी में योगी सरकार ने कभी भी मदरसों के वैध और अवैध का अखाड़ा नहीं बनाया. अल्पसंख्यक समाज कल्याण विभाग ने जो सर्वे किया था, वह वैध और अवैध मदरसे के लिए नहीं किया. गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए किया. यूपी में मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त 16,513 मदरसे हैं. गैर मान्यता प्राप्त लगभग 8,000 हैं. मदरसा शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार संजीदा है. इनमे आम मुस्लिम परिवारों के बच्चे पढ़ने जाते हैं. वहां अच्छी शिक्षा, पारदर्शी और आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के लिए योगी सरकार संकल्पित है. मदरसा शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और बढ़िया बनाने के दिशा में ठोस कदम उठाये जा रहे हैं.

सवाल : पासमांदा समाज को लेकर भाजपा क्या कर रही है? आगे कुछ करेंगे?

जवाब- पीएम मोदी ने पासमांदा समाज के उत्थान की बात खुले मंच से खुले मन से कही है. सरकार और संगठन इन्हें मुख्यधारा पर लाने के काम में जुटा है.

विकेटी/एफजेड