विपक्ष ने कहा, मध्य प्रदेश सरकार का बजट जनता के साथ धोखा है

भोपाल, 3 जुलाई . मध्य प्रदेश विधानसभा में मोहन यादव की सरकार ने बुधवार को अपना पहला बजट पेश किया. इस बजट को कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने जनता के साथ धोखे वाला बजट करार दिया है.

राज्य के वित्त मंत्री और उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को विधानसभा में तीन लाख 65 हजार का बजट पेश किया. इस बजट को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा राज्य सरकार के बजट का मूल मंत्र तीन सी का है. करप्शन करने के लिए अलग बजट और जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए अलग बजट. यह सरकार कर्ज, क्राइम और करप्शन, लूट के लिए छूट की सरकार है. यह बजट दिवालिया सरकार का बजट है.

पटवारी ने कहा कि रोजगार और बजट का गहरा रिश्ता होता है, वर्ष 2023-24 में 37 लाख पंजीयन बेरोजगार युवाओं के थे, जिसमें सरकार का कहना है कि 2 लाख युवाओं को प्राइवेट कंपनियों में रोजगार दिया गया है. लेकिन सरकारी नौकरी एक को भी नहीं मिली. विज्ञापन और इवेंट में सरकार ने खुद साबित किया कि हम रोजगार को लेकर अकर्मण्य हैं. चूंकि 10 लाख पंजीयन ही समाप्त हो गये, जिससे पंजीयन की संख्या घट गई. यह सरकार रोजगार देने में पूरी तरह फेल हुई है.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बजट को लेकर कहा, मध्य प्रदेश सरकार का बजट जनता से विश्वासघात वाला बजट है. चुनाव से पहले भाजपा ने मध्य प्रदेश की जनता और मतदाताओं से जो प्रमुख वादे किए थे, वह सारे वादे वित्त मंत्री के बजट भाषण से गायब दिखाई दिए. प्रदेश के किसानों, नारी शक्ति, नौजवानों और सभी वर्गों से किए गए चुनावी वादों को बजट में कोई स्थान नहीं दिया गया. विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मध्य प्रदेश की जनता से जो चार प्रमुख वादे किए थे , किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3100 रुपया प्रति क्विंटल, गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2700 रुपया प्रति क्विंटल, लाडली बहना योजना में महिलाओं को प्रति महीने तीन हजार रुपया और घरेलू गैस सिलेंडर 450 रुपये में — इन चारों घोषणाओं को बजट में कोई स्थान नहीं दिया और स्पष्ट कर दिया है कि यह सरकार जनविरोधी है, जनता से विश्वासघात करने वाली है और वादाखिलाफी इसका स्वभाव है. इस बजट से मध्य प्रदेश की जनता को भारी निराशा हुई है.

उन्होंने आगे कहा, जब प्रदेश चार लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में फंसा हुआ है तब 3 लाख 65 हजार 607 करोड़ का बजट पेश कर भाजपा की मोहन यादव सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कर्ज में डूबे प्रदेश का संचालन अब और कर्ज लेकर ही किया जाएगा.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने सरकार के बजट पर तंज कसा और कहा, गेहूं के समर्थन मूल्य देने और लाडली बहना को तीन हजार रुपये देने पर भी सरकार ने चुप्पी साध ली है. लाडली बहना और किसान सम्मान निधि के पात्रों की संख्या भी कम हो रही है. कुल मिलाकर यह जनविरोधी बजट है. जो कृषि संकट, बेरोजगारी तो बढ़ाएगा ही, आर्थिक संकट को भी गहरा करेगा.

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