मुंबई, 4 मार्च . महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद से धनंजय मुंडे के इस्तीफा देने के बाद कई राजनेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है. प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने सरकार पर निशाना साधा है.
नाना पटोले ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस तरह से धनंजय मुंडे का इस्तीफा लेने में देर की गई है, उससे एक बात साफ है कि सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश करती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नागपुर अधिवेशन में जो भी जवाब दिया था, वह पूरी तरह से झूठ था.
उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में कई ऐसे मंत्री शामिल हैं, जिन पर गंभीर आरोप लगे हैं. ऐसे में सवाल यह है कि ऐसे मंत्रियों के खिलाफ कब कार्रवाई की जाएगी?
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने धनंजय मुंडे के इस्तीफे की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अभी उनके इस्तीफे की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. अभी तक राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नैतिकता का जिक्र कर रहे हैं. मैं कहना चाहूंगा कि यह कौन-सी नैतिकता है?
उन्होंने संतोष देशमुख हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें साफ देखा गया कि किस तरह से निर्ममतापूर्वक उन्हें मौत के घाट उतारा गया. अब मुख्यमंत्री इस पूरे मामले में नैतिकता की बात करते हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता.
भाई जगताप ने कहा, “शर्म आनी चाहिए. इस्तीफा लेने में चार महीने लग गए और यह इस्तीफा भी अब तक स्वीकार नहीं हुआ है. राज्य के मुखिया को इस्तीफा देना राजीनामा नहीं कहा जा सकता है. संविधान के मुताबिक, किसी भी इस्तीफे को राज्यपाल को स्वीकृत करना होता है, तब जाकर उस प्रक्रिया को संपन्न माना जाता है.”
बीड सीट से एनसीपी (एसपी) सांसद बजरंग सोनवणे ने कहा कि धनंजय मुंडे को काफी पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था. आखिर इतनी देर क्यों हुई?
–
एसएचके/एकेजे