झारखंड के डीजीपी के दावे पर भड़का विपक्ष, बताया – ‘बेशर्मी भरा बयान’

रांची, 10 मार्च . झारखंड में अपराध की बड़ी घटनाओं को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसी बीच झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सोमवार को कहा कि झारखंड में जितने भी क्राइम हो रहे हैं, उसमें ज्यादातर की प्लानिंग जेल के अंदर से हो रही है. झारखंड पुलिस ऐसे अपराधियों और जेल के बाहर मौजूद उनके गुर्गों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. कुछ अपराधियों का जेल ट्रांसफर किया गया है.

सोमवार को विधानसभा के बाहर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि झारखंड में हो रही घटनाओं के पीछे तीन बड़े गैंग का हाथ है. इनमें अमन साहू, अमन श्रीवास्तव और विकास तिवारी शामिल हैं. तीनों गैंगस्टर जेल में हैं, लेकिन वहीं से अपराध की प्लानिंग कर रहे हैं. तीनों गैंगस्टर वर्चुअल विदेशी नंबरों से खुद व्हाट्सएप कॉलिंग करते हैं. पुलिस इन्हें ट्रैप करने की कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ टेक्निकल लिमिटेशन हैं.

उन्होंने कहा कि बीएनएस की धारा 111 के तहत गैंगस्टर अमन साहू के 30 गुर्गों पर रविवार को प्राथमिकी दर्ज हुई है. एटीएस एसपी ऋषभ झा को निर्देश दिया गया है कि जल्द सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजें.

डीजीपी ने कहा कि रांची में कारोबारी पर फायरिंग के मामले में अपराधियों की पहचान हो गई है. जल्द ही पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजेगी. रांची पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. उम्मीद है कि दो से तीन दिन में पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा. हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम की हत्या की घटना के संबंध में डीजीपी ने कहा कि इस वारदात के पीछे की कहानी अभी तक साफ नहीं हो सकी है. पुलिस की टीम घटना के बाद से लगातार छापेमारी कर रही है. इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया है, जो मामले का खुलासा करने के लिए प्रयासरत है.

डीजीपी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के रांची के विधायक सीपी सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने विधानसभा में शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही सूचना के तहत यह मामला उठाया.

उन्होंने कहा कि “किसी व्यक्ति का जीना दूभर हो गया है. सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही. यहां के डीजीपी इतने बेशर्म हैं कि कहते हैं कि जो भी घटनाएं हो रही हैं, उसकी प्लानिंग जेल से हो रही है. क्या जेल झारखंड से बाहर है? अगर प्लानिंग जेल से हो रही है तो फिर उद्भेदन क्यों नहीं किया जा रहा? रिमांड पर लेकर पूछताछ करनी चाहिए. किसी का जीवन सुरक्षित नहीं, चाहे विधायक हों, मंत्री हों या फिर जनता. इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए.”

एसएनसी/एबीएम