New Delhi, 16 जुलाई . संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और इस सत्र के दौरान विपक्षी दल सरकार को घेरने की तैयारी में हैं. इस बीच, BJP MP प्रवीण खंडेलवाल ने विपक्ष पर हमला बोला और उन पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल संसद को सुचारू रूप से चलने नहीं देते हैं.
BJP MP प्रवीण खंडेलवाल ने संसद के आगामी मानसून सत्र पर से बातचीत में कहा, “संसद सत्र सार्थक चर्चा के लिए होता है, लेकिन हमारा पिछला अनुभव अच्छा नहीं रहा है. विपक्षी दल अनावश्यक मुद्दों को लेकर संसद की कार्यवाही को चलने नहीं देते और हंगामा करते हैं. मुझे लगता है कि विपक्ष को संसद की कार्यवाही चलने देने के लिए सकारात्मक भूमिका निभानी होगी, क्योंकि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.”
BJP MP प्रवीण खंडेलवाल ने उत्तराखंड में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कालनेमि’ पर कहा, “यह ऑपरेशन बहुत जरूरी था, क्योंकि कुछ लोग साधुओं का वेश धारण करके सनातन धर्म को बदनाम कर रहे थे, जो संत परंपरा के बिल्कुल विपरीत थे. ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के जरिए साधुओं का वेश धारण करने वाले 300 से ज्यादा फर्जी लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इससे साफ जाहिर होता है कि लगभग हर राज्य में इस तरह के ऑपरेशन की सख्त जरूरत है.”
छांगुर बाबा के खिलाफ हुई कार्रवाई पर BJP MP ने कहा, “धर्मांतरण का रैकेट देशव्यापी है और इसे तोड़ना अत्यंत आवश्यक है. कोई भी व्यक्ति या समूह हो, जबरन धर्मांतरण किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है. Prime Minister Narendra Modi और गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे पर बार-बार स्पष्ट भी किया है. ऐसे लोगों को पकड़ा जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी.”
विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा. प्रवीण खंडेलवाल ने उनके बयान का समर्थन करते हुए कहा, “यह भारत का दृढ़ रुख दर्शाता है. चाहे वह चीन, पाकिस्तान या कोई अन्य देश हो, आतंकवाद को बढ़ावा देने या समर्थन करने वालों के साथ भारत कभी नहीं खड़ा होगा.”
एनसीईआरटी की कक्षा आठवीं की नई पाठ्यपुस्तक में मुगल शासकों- बाबर, अकबर और औरंगजेब की छवि को अधिक आलोचनात्मक दिखाए जाने पर प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “मुगल शासकों ने लंबे समय तक देश को गुलाम बनाए रखा और अनेक अत्याचार किए. मुगलकाल का काला सच अब नई पीढ़ी को जानना चाहिए. पहले इस सच को छिपाने की कोशिश की गई, लेकिन अब इसे जनता के सामने लाया जाना चाहिए. इसलिए, मैं एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में किए गए इस बदलाव का स्वागत करता हूं.”
–
एफएम/