पटना, 5 मार्च . बिहार विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन बुधवार को भी विपक्ष ने अपने कड़े तेवर को बरकरार रखते हुए जमकर प्रदर्शन किया. कार्यवाही शुरू होने के पहले ही विपक्षी सदस्यों ने हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर नारेबाजी शुरू कर दी.
विपक्षी सदस्यों ने बीपीएससी की 70वीं पीटी की पुनर्परीक्षा, युवाओं के रोजगार को लेकर प्रदर्शन किया. राजद विधायक रणविजय साहू ने विधानसभा में झुनझुना दिखाते हुए कहा कि सरकार ने युवाओं को सिर्फ झुनझुना दिया है, जबकि तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनकी सरकार बनने पर युवाओं को नौकरी मिलेगी.
राजद विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि बिहार बदहाल है. बिहार के युवाओं को नौकरी मिलनी चाहिए, महिलाओं को सम्मान मिलना चाहिए. उनके बैंक खाते में 2,500 रुपए प्रतिमाह मिलना चाहिए.
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने बयान देते हुए कहा कि निश्चित तौर पर अस्पतालों की हालत ठीक नहीं है, हम लोग भी इलाज कराने बाहर जाते हैं. भागलपुर में भी मेडिकल कॉलेज है, अस्पताल भी है. लेकिन, सुविधा नहीं है. डॉक्टर हैं ही नहीं, डॉक्टर का प्रमोशन हो ही नहीं रहा है. जब तक डॉक्टर नहीं होंगे, कुछ नहीं होगा. प्रधानमंत्री अभी भागलपुर आए, लेकिन, पीएम सम्मान योजना की बात की. बजट में भी पुरानी बातों को रखा गया है. आने वाले चुनाव में एनडीए की सरकार नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनाइए, हम लोग विकास करके दिखाएंगे.
कांग्रेस विधायक राजेश राम ने कहा कि जिस तरीके से बीपीएससी बच्चों के साथ अन्याय कर रहा है, उसके खिलाफ हम लोग खड़े हैं. 12 से 18 घंटे पढ़ने वाले बच्चे सरकार से संतुष्ट नहीं हैं. आंदोलन कर रहे हैं तो लाठियां चलाई जा रही हैं. सरकार का यह दायित्व है कि बच्चों के साथ संवाद करे.
इससे पहले भी मंगलवार को सदन में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच नोंकझोंक देखने को मिली थी.
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एमएनपी/एबीएम