विपक्षी दल हिंदू समाज को आपस में लड़ाने की रच रहे साजिश : मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ, 29 जुलाई . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व में जिस तरह से विदेशी आक्रांताओं ने हिंदू समाज में फूट डालने का षड्यंत्र रचा था. उसी तरह से विपक्षी दल भी छद्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदू समाज को आपस में लड़ाने की साजिश रच रहे हैं. ओबीसी समाज में बजरंगबली की शक्ति है, बस उस शक्ति को जगाने की आवश्यकता है. हिंदू समाज को तोड़ने में लगे रावण की लंका के दहन में देरी नहीं लगेगी.

उन्होंने कहा कि सपा सरकार में वर्ष 2015-2016 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती में 86 में से 56 एसडीएम एक ही जाति विशेष के चयनित हुए थे. यह ओबीसी समाज के हितों पर कुठाराघात था. बेसिक शिक्षा की 69 हजार भर्ती पर प्रश्न खड़ा करने वाले लोग समाजवादी पार्टी के वही मोहरें हैं, जिन्होंने 86 में से 56 एक ही परिवार और एक ही समाज के लोगों को भर्ती किया था.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में बेसिक शिक्षा में 1,25,000 शिक्षकों की भर्ती हुई. 69 हजार भर्ती में अगर 27 प्रतिशत आरक्षण की बात जाए तो 18,200 ओबीसी शिक्षकों की भर्ती होती, लेकिन ओबीसी समाज के 31,500 शिक्षकों की भर्ती हुई. पिछले साढ़े छह-सात वर्षों में प्रदेश में सरकारी नौकरियों में साढ़े छह लाख भर्तियां हुई हैं, इसमें 60 प्रतिशत ओबीसी समाज के लोग भर्ती हुए हैं.

सीएम योगी ने कहा कि विपक्षी दलों को इस बात की चिंता है कि ओबीसी समाज के युवा अपनी बुद्धि और विवेक के बल पर कैसे इतनी अधिक सीटें प्राप्त कर ले रहे हैं. इसलिए वह भर्ती को विवादित करने की साजिश रचते हैं. सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकार में कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया था. कांवड़ यात्रा केवल शिव भक्तों का मंगलगान ही नहीं है, बल्कि इसके साथ रोजगार भी जुड़ा हुआ है. कांवड़ यात्रा से छोटे दुकानदारों और हस्तशिल्पियों का रोजगार भी मिलता है, जिसे पिछली सरकारों ने रोकने का कार्य किया था. कांग्रेस व सपा ने प्रदेश में कई बार सरकार बनाई, लेकिन इन दलों की सरकारों ने ओडीओपी के लिए कुछ नहीं किया. ओडीओपी से जुड़े हस्तशिलपी ओबीसी समाज से आते हैं.

उन्होंने कहा कि 2006 में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हुई थी. उस हत्याकांड में कृष्णानंद राय के साथ मरने वाले उमेश पटेल और रमेश यादव भी थे. क्या वे ओबीसी समाज से नहीं थे? राजू पाल और उमेश पाल की प्रयागराज में जिस माफिया ने हत्या की थी, उस माफिया को गले से किसने लगाया था, इसे सब जानते हैं. सपा ने माफिया को गले से लगाकर प्रदेश को अराजकता, गुंडागर्दी और दंगों की आग में झोंकने का कार्य किया था.

सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने ओबीसी समाज की नौकरियों में डकैती डाली, जिन लोगों ने युवाओं का रोजगार छीना और जिन लोगों प्रदेश के सामने पहचान का संकट खड़ा किया, वे लोग आज समाज में ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति कर रहे हैं. सपा ने ओबीसी समाज के लोगों का रोजगार छीना. भाजपा ने इस समाज के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया. जब समाज विभाजित था, तब अयोध्या में प्रभु श्रीराम, मथुरा में भगवान कृष्ण और काशी में महादेव का मंदिर अपवित्र हुआ. ओबीसी समाज सबसे अधिक गो सेवा करता था. उनसे गायों को छीनकर कसाइयों के हवाले किया जाने लगा, गोकशी होने लगी. आपकी आस्था के साथ खिलवाड़ होने लगा.

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अयोध्या, मथुरा, काशी, कांवड़ यात्रा, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, होली, दीपावली, पर्व त्योहार, दंगों और माफिया राज पर बात नहीं करेंगे. ये लोग जाति के नाम पर आपको लड़ाने का कार्य करेंगे. इसके लिए इन्होंने स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया को हथियार बनाया है. इसके माध्यम से झूठे वक्तव्य को फैला रहे हैं. इसलिए, इनसे सावधान रहने की आवश्यकता है.

विकेटी/एबीएम