लखनऊ, 19 जुलाई . उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्गों में खाद्य पदार्थों की दुकानों पर ‘नेम प्लेट’ लगानी होगी. यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय से दी गई है. इसे सत्ता पक्ष ने सराहनीय कदम बताया है तो विपक्ष निशाना साध रहा है.
उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि कांवड़ मार्ग पर जो लोग हरिद्वार और गोमुख से जल लेकर 250-300 किलोमीटर की यात्रा करते हुए आते हैं. इसके लिए हमने प्रशासन से आग्रह किया था, जो लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर ढाबा, होटल चलाते हैं, उनमें ज्यादातर लोग मुस्लिम समुदाय से होते हैं. कांवड़िए उनकी दुकानों पर जाते हैं, खाते हैं और वो नॉनवेज बेचते हैं. कहने का मतलब है कि दुकान हिंदू देवी-देवता के नाम पर और वहां नॉनवेज बेचते हैं, उन पर प्रतिबंध लगना चाहिए और उनके नाम की पहचान होनी चाहिए. हमें किसी के नॉनवेज बेचने पर आपत्ति नहीं है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने पहले इस फैसले का विरोध किया था. लेकिन, अब वह बदल गए हैं. उनका कहना है कि पहले जिला प्रशासन ने सीमित एक दिशा-निर्देश दिया था, जिसमें कई प्रकार का कन्फ्यूजन था. अब राज्य सरकार ने उसे क्लियर किया है. कांवड़ यात्रियों की श्रद्धा, सुरक्षा और शुचिता के सम्मान की दृष्टि से किसी प्रकार का कम्युनल कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए. पहले लोकल लेवल से कन्फ्यूजन था.
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि यूपी व उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक. धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकॉट करने का प्रयास अति-निन्दनीय.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इस तरह के आदेश पूरी तरह से अव्यवहारिक हैं. देश और समाज के अंदर भाईचारे की भावना खराब होगी. आपस में दूरियां पैदा होगी. इसे तत्काल हटाया जाना चाहिए. यह लोग गलत कार्य करा रहे हैं.
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विकेटी/एबीएम