सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर विवाद गरमाया, विपक्षी सांसद बोले- सरकार को शर्म आनी चाहिए

नई दिल्ली, 27 मार्च . दिल्ली से यूपी तक सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर शुरू हुए विवाद पर राजनीति तेज हो गई है. यूपी के संभल प्रशासन द्वारा सड़क पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाए जाने को लेकर विपक्षी सांसदों ने सवाल उठाए हैं. आरजेडी सांसद ने संभल प्रशासन के फैसले की निंदा की है.

आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने से बातचीत में कहा, “यह कैसा शासन है? आपको (सरकार को) शर्म आनी चाहिए कि कौन सा निजाम चल रहा है. क्या उन्हें संविधान का ज्ञान है? उन्हें शर्म आनी चाहिए.”

समाजवादी पार्टी के सांसद आनंद भदौरिया ने सीएम योगी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यूपी में महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं पर अत्याचार, किसानों की समस्या और गन्नों का भुगतान बड़ी समस्याएं हैं. इन सभी मुद्दों से ध्यान हटाने और सवालों से बचने के लिए भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है. इसलिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का प्रिय विषय हिंदू-मुसलमान है और इसी वजह से वे बयानबाजी कर रहे हैं. मुझे लगता है कि जैसे-जैसे 2027 का चुनाव नजदीक आता जाएगा, तो इस तरीके के और भी बयान देखने को मिलेंगे. मगर जनता उन्हें पटखनी देने का काम करेगी.

आनंद भदौरिया ने नमाज के मुद्दे पर कहा, “हमने वो तस्वीरें भी देखी हैं कि किस तरह एक नमाज पढ़ रहे शख्स को बूट से ठोकर मारा गया. हमारे देश में सभी धर्मों के लोग रहते हैं और सबकी अपनी-अपनी आस्था है, इसलिए यहां सबका बराबर सम्मान होता है. मुझे लगता है कि कोई नहीं चाहता है कि सड़क पर नमाज अदा करे. सरकार और प्रशासन जगह उपलब्ध करवाएगा, तो जैसे ईद की नमाज होती आई है, उसी तरह आगे भी होगी.”

बता दें कि संभल प्रशासन द्वारा सड़क या छत पर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी गई है.

इसके अलावा, दिल्ली की शकूर बस्ती से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक करनैल सिंह ने बुधवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को चिट्ठी लिखी, जिसमें भाजपा विधायक ने सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर ऐतराज जताया है.

करनैल सिंह ने कहा कि सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने से यातायात बाधित होता है, इससे लोगों को असुविधा होती है. हम सभी को अपने-अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, लेकिन यह भी जरूरी है कि सार्वजनिक व्यवस्था और यातायात प्रभावित न हो.

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