नई दिल्ली, 17 मार्च . संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही सोमवार को फिर से शुरू हुई. इस दौरान सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर नोकझोंक देखने को मिली. पीएम मोदी के ‘गोधरा दंगे’ वाले बयान का भाजपा सांसदों ने बचाव किया, तो वहीं विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री पर अर्धसत्य बोलने का आरोप लगाया.
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ सच पर पर्दा डालते हैं और अर्धसत्य का भी सहारा लेते हैं. सवाल है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स का उल्लेख धमकी भरे लहजे में किया, तो क्या हमारे प्रधानमंत्री को उसका प्रतिकार नहीं करना चाहिए था? प्रधानमंत्री चीन के बारे में उस तरह से बात करने में असमर्थ रहे, जैसा कि अपेक्षित था. यह दुखद है क्योंकि जाहिर तौर पर वह देश के एकमात्र पीएम हैं, जिन्होंने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित नहीं किया है. मैं उनसे यही कहूंगा कि वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दें, जिससे उन पर लगा यह दाग खत्म हो जाएगा.”
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने पीएम मोदी के ‘गोधरा दंगे’ वाले बयान पर कहा, “गोधरा और गुजरात दंगों से पीएम मोदी बच नहीं सकते हैं. उस समय कानून-व्यवस्था पीएम मोदी के हाथ में ही थी. जिस बर्बरता के साथ लोग मारे गए थे, वे असफल साबित हुए थे. यहां तक कि कोर्ट ने भी माना कि गोधरा दंगे को अंजाम दिया गया था. गोधरा दंगों को रोक नहीं पाने का दाग पीएम मोदी के दामन पर हमेशा लगा रहेगा.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा, “यह बहुत अच्छी बात है, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया है. अपने शुरुआती जीवन से लेकर आज तक, यहां तक कि अब भी काम के प्रति उनकी ऊर्जा का स्तर सभी के लिए प्रेरणा है. वह इतने समर्पण और गंभीरता के साथ काम करते हैं. पीएम मोदी सभी के लिए प्रेरणा हैं.”
2002 के गोधरा दंगों पर पीएम मोदी की टिप्पणियों के बारे में भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, “निश्चित रूप से गोधरा का काला सच धीरे-धीरे सामने आ रहा है. यह देखा गया है कि सत्ता को प्रभावित करने के लिए षड्यंत्र- चाहे कांग्रेस के तत्वों द्वारा रचे गए हों या विदेशी ताकतों द्वारा कहीं भी उभर सकते हैं. यह समय के साथ स्पष्ट हो गया है. मेरा मानना है कि इस मुद्दे पर दिए गए बयान इन षड्यंत्रों को और उजागर करते हैं और सच्चाई को सामने लाते हैं.”
आरएसएस पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “1925 से 1947 तक, मुझे बताएं कि उस दौरान आरएसएस ने देश में क्या किया. वे मुस्लिम लीग के साथ काम कर रहे थे और उन चीजों का भी उल्लेख किया जाना चाहिए.”
कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने वक्फ संशोधन विधेयक मुद्दे पर से बातचीत में कहा, “लोगों के एक बड़े वर्ग की चिंताएं हैं और सरकार को उनका समाधान करना चाहिए. सभी की सहमति के बिना बिल को पूरा नहीं माना जा सकता. सरकार इसे अपने बहुमत के आधार पर पारित करना चाहती है, लेकिन मेरा मानना है कि आम सहमति से बिल पारित होने से बेहतर कानून बनेगा. निश्चित रूप से समस्याएं हैं और विपक्ष के सकारात्मक संशोधनों को सरकार को मान लेना चाहिए. मुझे लगता है कि इससे हम सभी एक व्यापक सुधार ला सकते हैं.”
वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर चल रहे विवाद पर भाजपा के राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने कहा, “जो संपत्ति लूटी गई है, प्रधानमंत्री उसे आसानी से जाने नहीं देंगे.”
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एफएम/केआर