अमरावती, 25 जुलाई . बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर विरोधी दल हमलावर हैं. इस पर भाजपा नेता दिनाकर लंका ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सवाल किया कि क्या विपक्षी दल बहुमत हासिल करने के लिए अयोग्य मतदाताओं पर भरोसा कर रहे थे.
भाजपा नेता ने से बातचीत के दौरान कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार में घर-घर जाकर सत्यापन प्रक्रिया के जरिए 50 लाख से ज्यादा अयोग्य मतदाताओं की पहचान की है. इस गहन जांच प्रक्रिया का उद्देश्य आगामी बिहार चुनाव के लिए एक यथार्थवादी मतदाता सूची तैयार करना है. सत्यापन प्रक्रिया में सूची में 18.67 लाख मृत मतदाता, 26 लाख मतदाता जो दूसरे स्थानों पर चले गए हैं, 7.5 लाख मतदाता जिनके पास एक से अधिक मतदाता पंजीकरण हैं, पाए गए. कुल मिलाकर, मतदाता सूची में 50 लाख से ज्यादा अयोग्य मतदाता पाए गए.
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इंडिया गठबंधन इस मुद्दे पर हंगामा कर रहा है. इससे सवाल उठता है कि क्या वे अपने पक्ष में वोट डालने और बहुमत हासिल करने के लिए अयोग्य मतदाताओं पर भरोसा कर रहे थे. क्या लोकतांत्रिक प्रक्रिया में चुनाव कराने का यही सही तरीका है? बिल्कुल नहीं. यह गलत तरीका है. कांग्रेस पार्टी और राजद चुनाव आयोग पर अनुचित आरोप लगा रही है और एनडीए के सहयोगियों को घेरने की कोशिश कर रही है, यह दुर्भाग्य की बात है.
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार इस मुद्दे पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार और चुनाव आयोग को घेर रहे हैं. तेजस्वी ने से बातचीत के दौरान ‘एसआईआर’ मुद्दे पर बिहार चुनाव बॉयकॉट करने का संकेत दिया था.
उन्होंने कहा कि इस विषय पर लोगों से बात करेंगे. जब चुनाव ईमानदारी से नहीं होगा, जब भारतीय जनता पार्टी के दिए वोटर लिस्ट पर चुनाव होगा, तो ऐसे चुनाव का क्या मतलब निकलने वाला है?
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एएसएच/एबीएम