एसाईआर मुद्दे पर विपक्ष हमलावर, संसद सत्र में चर्चा की मांग

New Delhi, 4 अगस्त . बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा गरमाया हुआ है. विपक्षी सांसद Government पर मतदाता सूची में धांधली का आरोप लगा रहे हैं और संसद के मानसून सत्र में इस पर चर्चा की मांग कर रहे हैं.

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “यह बहुत गंभीर मुद्दा है. अगर मतदाता सूची में ऐसी गड़बड़ियां हो रही हैं, तो इसे क्यों नहीं उठाया जाना चाहिए? Government को इस पर चर्चा शुरू करनी चाहिए, बहस करनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए.”

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “यह लोकतंत्र को खत्म करने की पूरी साजिश है. अगर लोकतंत्र बचेगा, तो हम इस देश में बचेंगे. लेकिन वे (Government) इसे खत्म करना चाहते हैं. वे लगातार हमले करते रहते हैं, अब क्या फर्क पड़ता है? जब कोई इस देश में रहने वाली आबादी के एक बड़े हिस्से को अपना नागरिक मानने को तैयार ही नहीं है, तो क्या ही कहा जा सकता है?”

कांग्रेस सांसद अमर सिंह ने कहा, “मैं बार-बार कहता हूं कि India के संविधान में साफतौर पर लिखा है कि 18 साल से ज्यादा उम्र के हर पुरुष और महिला को वोट देने का अधिकार है. इसे वयस्क मताधिकार कहते हैं. संविधान के तहत चुनाव आयोग इसी उद्देश्य से बनाया गया था. जहां भी सत्ताधारी दल को सुविधा हुई, जैसे Maharashtra में, उन्होंने Lok Sabha और विधानसभा दोनों की मतदाता सूचियों में 75 लाख मतदाता जोड़ दिए.”

कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा, “हम पहले दिन से ही एसआईआर और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई और हमने इसमें पूरी तरह से भाग लिया. लेकिन दुर्भाग्य से, जब एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाधा आती है, जब हमारा चुनाव आयोग पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं होता है, तो यह पूरी दुनिया को पता होना चाहिए. बिहार चुनाव नजदीक है, इसलिए हम फिर से इसकी मांग कर रहे हैं और विरोध कर रहे हैं.”

कांग्रेस सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका ने कहा, “हम एसआईआर पर चर्चा चाहते हैं, लेकिन यह Government किसी भी चर्चा में शामिल होने को तैयार नहीं है. इसलिए हम विरोध कर रहे हैं.”

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद पी. संतोष कुमार ने एसआईआर को लेकर कहा, “सभी जानते हैं कि एसआईआर के बाद क्या हुआ. 60 लाख से ज्यादा लोग अभी भी लिस्ट से बाहर हैं. उनके नाम लिस्ट में नहीं हैं. यह कैसी व्यवस्था है? यह बहुत भयानक बात है और एसआईआर इसका सबसे बुरा उदाहरण है. हमें और क्या सबूत चाहिए? एसआईआर को वापस लिया जाना चाहिए.”

एससीएच/एबीएम