New Delhi, 13 अक्टूबर . भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 14 राजपूताना राइफल्स के वीरयोद्धा अग्निवीर समय सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. अग्निवीर समय सिंह ने उत्तराखंड के धराली में प्राकृतिक आपदा से बचाव अभियान के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था.
Monday को भारतीय सेना के आधिकारिक social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, थलसेनाध्यक्ष एवं भारतीय सेना के समस्त पद वीरयोद्धा अग्निवीर समय सिंह, 14 राजपूताना राइफल्स को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने उत्तराखंड के धराली में प्राकृतिक आपदा बचाव अभियान में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. उनकी वीरता और कर्तव्यपरायणता सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी. इस शोकपूर्ण समय में भारतीय सेना उनके परिजनों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है.”
गौरतलब है कि उत्तराखंड के धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन धराली के तहत राहत और बचाव कार्यों की कमान संभाली थी. सेना के मुताबिक यहां से 357 से अधिक नागरिकों को वायु और स्थल मार्ग से सुरक्षित निकाला गया. इस दौरान कुछ नागरिकों की मौत की पुष्टि भी हुई थी.
वहीं 14 राजपूताना राइफल्स के सैनिक भी इस हादसे का शिकार हुए. 5 अगस्त की दोपहर लगभग 1 बजकर 45 मिनट पर धराली गांव के पास भूस्खलन की घटना हुई थी. यह स्थान हर्षिल स्थित भारतीय सेना के शिविर से लगभग 4 किलोमीटर दूर है. इस आपदा में सेना के भी कुछ जवान लापता हुए थे.
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय सेना ने 150 जवानों को त्वरित रूप से रवाना किया, जो महज 10 मिनट में मौके पर पहुंच गए थे और तत्काल बचाव कार्य शुरू किया. शुरुआती प्रयासों में ही सेना ने 20 लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाल लिया था.
सेना के मुताबिक 7 अगस्त को कुल 68 हेलीकॉप्टर उड़ानें संचालित की गईं. इसके अलावा भारतीय सेना की टुकड़ियां, इंजीनियर, मेडिकल टीमें और खोजी कुत्ते राहत कार्य में जुटे थे. एनडीआरएफ के 105 जवान और एसडीआरएफ के दल मौके पर सक्रिय थे. हादसे के बाद की बात करें तो तब धराली सड़क मार्ग से पूरी तरह कट गया था, हालांकि सड़क साफ करने का कार्य जल्द ही एक प्रमुख सड़क मार्ग लिमचिगाड़ तक पहुंच गया.
वहीं सेना ने यहां एक बेले ब्रिज का निर्माण कार्य भी किया था. यहां आई प्राकृतिक आपदा के बाद संचार साधन भी पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे, जिसको देखते हुए भारतीय सेना के द्वारा हर्षिल में एक संचार नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया था जिसमें वाई-फाई और सैटेलाइट कनेक्टिविटी उपलब्ध थी. बीएसएनएल और एयरटेल द्वारा संचार सेवाओं की बहाली के प्रयास किए गए थे.
भारतीय सेना के मुताबिक उन्होंने प्रभावित नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य किया और कठिन भू-भाग व प्रतिकूल मौसम की चुनौतियों के बावजूद राहत कार्य 24 घंटे जारी रहा.
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जीसीबी/एसके