शिमला में सिर्फ ‘ग्रीन’ पटाखों की अनुमति

शिमला, 30 अक्टूबर . दीपावली के मौके पर जब लोग त्योहारों की खुशी को साझा करने के लिए पटाखे फोड़ते हैं, तो इससे पैदा होने वाला धुआं पूरी आबोहवा को प्रदूषित कर देता है, जिसकी जद में आकर लोगों का सांस लेना भी दूभर हो जाता है.

इसी को देखते हुए अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राजधानी शिमला में कुछ चिह्रित स्थानों पर ही आतिशबाजी की अनुमति दी गई है. वह भी ‘ग्रीन’ पटाखे. इसके अलावा, रात 10 बजे के बाद किसी को भी किसी भी तरह के पटाखे जलाने की अनुमति नहीं होगी. अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है.

शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने इस संबंध में बयान जारी किया है. उन्होंने कहा, “दीपावली के इस पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. यह त्योहार हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसे हम सब मिलकर मनाते हैं. प्रशासन की ओर से इस त्यौहार को सफलतापूर्वक मनाने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, ताकि सभी को एक सुरक्षित और आनंदित अनुभव मिल सके.”

उन्होंने कहा, “जहां तक ग्रीन पटाखों की बिक्री का सवाल है, प्रशासन ने इसके लिए विशेष स्थान निर्धारित किए हैं, जिनमें केवल सीमित क्षेत्रों में ही पटाखे बेचे जा सकते हैं. इसके अलावा, कहीं और पटाखे बेचने की अनुमति नहीं है. इसके लिए संबंधित क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि बिक्री केवल चिह्नित स्थानों पर ही हो. स्थानीय पुलिस भी इस मामले में पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रही है. साथ ही, अग्निशामक वाहन भी इन स्थानों के पास तैनात रहेंगे, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से तुरंत निपटा जा सके.”

उन्होंने कहा, “मैं सभी से आग्रह करता हूं कि चिह्नित स्थानों के अलावा कहीं और पटाखे बेचने का प्रयास न करें. यदि ऐसा किया गया, तो न केवल पटाखे जब्त किए जाएंगे, बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी. हमें यह सुनिश्चित करना है कि आम जनता की सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का समझौता न हो.”

उन्होंने कहा, “ग्रीन पटाखों का उपयोग करने पर जोर दिया गया है. सभी निर्माता कंपनियों को ग्रीन पटाखों की गुणवत्ता का परीक्षण करने के बाद ही उन्हें बाजार में लाने का निर्देश दिया गया है. हमारे मजिस्ट्रेटों को भी यह निर्देश दिया गया है कि यदि ग्रीन पटाखों के अलावा कोई अन्य पटाखा बेचा जाता है, तो उसे जब्त किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”

उन्होंने आगे कहा, “दीपावली के दौरान पटाखे जलाने का समय सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित किया गया है. मैं आप सभी से, विशेषकर हमारी युवा पीढ़ी से, यह अपील करता हूं कि वे इस समय सीमा का पालन करें. ध्वनि प्रदूषण और अन्य समस्याओं से बचने के लिए यह आवश्यक है कि हम इस समय सीमा का सम्मान करें. हमारा शहर शिमला प्रदूषण मुक्त स्थान के रूप में जाना जाता है. लोग यहां छुट्टियां मनाने आते हैं ताकि वे प्रदूषण से दूर रह सकें. हमें एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी नियमों का पालन करें.”

एसएचके/एकेजे