गाजियाबाद, 26 नवंबर बांग्लादेश में इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को ढाका में गिरफ्तार किए जाने की कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तीखी आलोचना की है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि दुनिया में ‘सनातन’ को खत्म करने की साजिश चल रही है.
से बात करते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ हैं. इस्लाम घरों को जलाने, निर्दोष लोगों का खून बहाने या मंदिरों को नष्ट करने का समर्थन नहीं करता. जो लोग इस्लाम के नाम पर हिंदुओं की हत्या कर रहे हैं, वे आतंकवाद में लिप्त हैं. वे महिलाओं की इज्जत लूट रहे हैं और समुदाय में आतंक फैला रहे हैं.”
कृष्णम ने भारत सरकार से भी अपील की कि हिंदुओं की रक्षा के लिए कूटनीतिक कार्रवाई की जाए और बांग्लादेश के साथ बातचीत की जाए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि जब तक नरेंद्र मोदी सत्ता में हैं, दुनिया में कहीं भी सनातन धर्म के किसी भी अनुयायी को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.”
भारत ने मंगलवार को बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और चटगांव में पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और बाद में उन्हें जमानत न दिए जाने पर ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की.
दास को सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दास को 31 अक्टूबर को दर्ज एक मामले के संबंध में कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष मंगलवार को पेश किया गया. उनकी जमानत याचिक खारिज कर दी गई और उन्हें जेल भेज दिया गया.
इससे पहले, दास को ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) ने चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस (सीएमपी) को सौंप दिया.
दास की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई जब मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर बांग्लादेश के हिंदू समुदाय पर अत्याचार करने के कई आरोपों का सामना कर रहे हैं.
भारत सरकार ने मंगलवार (26 अक्टूबर) को इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हम चिन्मय कृष्ण दास, जो ‘बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत’ के प्रवक्ता हैं, की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं.
बयान में कहा गया, ‘यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए कई हमलों के बाद हुई. अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी, तोड़फोड़, देवी-देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज किए गए हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें प्रस्तुत करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं. हम दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हैं.
मंत्रालय ने कहा, “हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अपील करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है.”
–
एमके/