ओएनजीसी गैस रिसाव : केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कुआं नियंत्रण गतिविधियों की समीक्षा की

New Delhi, 17 जून . केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने Tuesday को कहा कि उन्होंने गैस रिसाव को नियंत्रित करने के लिए असम में ओएनजीसी की कुएं नियंत्रण गतिविधियों की समीक्षा की और अपडेट लिया.

social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में Union Minister ने कहा कि कुएं में उच्च दबाव के कारण पिछले चार दिनों से गैस का प्रवाह जारी है.

Union Minister पुरी ने कहा, “स्थानीय निवासियों को पहले दिन ही तुरंत निकाल लिया गया था और उन्हें सभी तरह की राहत और सहायता प्रदान की जा रही है. ओएनजीसी के अन्य कार्य केंद्रों से सक्षम कर्मियों को लाया गया है और आग पर काबू पाने के लिए उच्च क्षमता वाले फायर पंप, फ्रैक पंप, मड आदि सभी का इस्तेमाल किया जा रहा है.”

Union Minister ने यह भी बताया कि ‘जंक पंपिंग’ जैसे हाई टेक मेथड का भी इस्तेमाल किया जा रहा है और ओएनजीसी के अधिकारी अंतरराष्ट्रीय विदेशी विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में हैं.

उन्होंने आगे कहा, “आग को रोकने और शीतलन प्रभाव के लिए लगातार पानी की व्यवस्था की जा रही है.”

ओएनजीसी के अनुसार, कंपनी ने कुआं आरडीएस147 में गैस रिसाव को रोकने के लिए अपनी सबसे अनुभवी संकट प्रबंधन टीम (सीएमटी) को तैनात किया है. यह जटिल कुआं नियंत्रण कार्यों के प्रबंधन में सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड वाली टीम है. ओएनजीसी के शीर्ष प्रबंधन द्वारा इस ऑपरेशन की बारीकी से और लगातार निगरानी की जा रही है.

कंपनी ने कहा, “भूवैज्ञानिक चुनौतियां तेल और गैस संचालन में अंतर्निहित होती हैं. India की प्रमुख ऊर्जा कंपनी के रूप में ओएनजीसी कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करती है. ओएनजीसी गैस रिसाव को जल्द से जल्द पूरी तरह से नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.”

ओएनजीसी ने घटना के बाद जिला प्रशासन के साथ मिलकर प्रभावित परिवारों को सुरक्षित निकालने का काम किया. साथ ही लोगों के लिए सुरक्षित आश्रय, पौष्टिक भोजन, स्वच्छ पेयजल और आवश्यक दैनिक आपूर्ति सुनिश्चित की गई.

ओएनजीसी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अपने इमरजेंसी रिस्पॉन्स के तहत डॉक्टरों और आवश्यक दवाओं से लैस चौबीसों घंटे निःशुल्क चिकित्सा शिविर स्थापित किए हैं.

पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए ओएनजीसी जिला और Police प्रशासन, मीडिया और स्थानीय समुदाय के नेताओं सहित सभी हितधारकों के साथ लगातार बातचीत कर रही है.

एसकेटी/