नई दिल्ली, 15 दिसंबर . जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल को लेकर कहा कि उनका दल पहले से ही इस बिल के पक्ष में है.
उन्होंने कहा, “पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी से मिलकर जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था. इसके बाद भी हम अपना समर्थन बरकरार रखने की बात करते रहे हैं. मैं समझता हूं कि एक साथ चुनाव होंगे तो योजनाएं बेहतर रूप से लागू होगी और नीतियों की निरंतरता जारी रहेगी. वन नेशन वन इलेक्शन से चुनाव में होने वाले खर्च से बचत होगी. राजनीतिक दलों के साथ ही साथ आम लोगों के लिए भी यह सुविधाजनक और बेहतर होगा.”
उन्होंने इसके फायदे गिनाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान जो फोर्स लगाई जाती है उनमें भी सहूलियत होगी. देश में छठे दशक के पूर्व तक आजादी के बाद लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ में होते थे. अगर देश में वन नेशन वन इलेक्शन के तहत सभी चुनाव एक साथ होंगे तो भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और निर्वाचन तंत्र की निष्पक्षता को बरकरार रखने में मदद मिलेगी.
बता दें कि सोमवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश होना था. लेकिन इसे अब पेश नहीं किया जाएगा. लोकसभा की संशोधित तालिका में भी यह बिल सूचीबद्ध नहीं है.
20 दिसंबर तक संसद का शीतकालीन सत्र है. अगर सोमवार को इस बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया, तो ऐसी स्थिति में महज इसे पेश करने के लिए चार दिन शेष रह जाएंगे. 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी दे दी गई थी. कैबिनेट ने दो ड्राफ्ट कानूनों को मंजूरी दी थी. जिसमें से एक संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से संबंधित है, जबकि दूसरा विधेयक विधानसभाओं वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ चुनाव कराने के संबंध में हैं.
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डीकेएम/केआर