जम्मू, 15 दिसंबर . केंद्र सरकार ‘एक देश-एक चुनाव’ से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक 16 दिसंबर को लोकसभा में पेश करेगी. ये विधेयक संविधान (129 वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक हैं. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल निचले सदन में दोनों विधेयक पेश करेंगे. इस विधेयक को जम्मू-कश्मीर माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने देश की एकता के लिए खतरा बताया है.
तारिगामी ने से कहा, “जहां तक भारत सरकार की इसे पास कराने की कोशिश है. यह बिल भारतीय संवैधानिक ढांचे के खिलाफ है. इसके बारे में सोचना और करना दोनों संविधान के खिलाफ है. जब देश को आजादी मिली तो संविधान को बनाने के लिए जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था, उन लोगों ने संविधान को बनाया. संविधान की जो मौलिक संरचना है, वह संघीय है. इसमें हमारा देश तो एक है, लेकिन देश एक होते हुए हमारे भिन्न-भिन्न कल्चर के लोग हैं, भिन्न-भिन्न बोलियां बोलने वाले लोग हैं. इसलिए देश के राज्य इसके मौलिक आधार हैं. यह हमारी देश की एकता के लिए बहुत जरूरी है. मैं यह कहूंगा कि ‘एक देश-एक चुनाव’ से देश की बहुरूपता खत्म हो जाएगी. यह एक लोकतंत्र की मूलभूत जरूरत है. यह हमारी एकता का महत्वपूर्ण तत्व भी है. इस कानून से उस पर आंच आएगी.”
उन्होंने कहा, “जहां तक राज्यों का सवाल है तो राज्य अपने मामले खुद संभालने की संवैधानिक आजादी रखते हैं. हमारे देश में आज तक के अनुभव ने यही बताया है कि हमारा देश उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम से मिलकर बना है. देश में भिन्न-भिन्न भाषाएं हैं. देश की तमाम चीजें अलग-अलग होने की वजह से देश की वैसी ही पहचान बनी है. देश को एक जैसा बनाना, एक ही ढंग में ढालना हमारे देश की एकता के लिए भी ठीक नहीं है. यह लोकतंत्र के लिए भी ठीक नहीं है. ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के आ जाने से लोकतंत्र पर प्रभाव पड़ेगा. यहां विधानसभा चुनाव हुए तो लोगों ने अपने स्थानीय मुद्दों पर लड़े, न कि दिल्ली के मुद्दों पर. इसलिए यह कहना कि ‘एक देश, एक चुनाव’ देश के लिए सही है, बिल्कुल गलत है.”
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पीएसएम/एकेजे