केरल में पारंपरिक उल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया ‘ओणम’ का त्योहार

तिरुवनंतपुरम, 15 सितंबर . केरलवासियों ने रविवार को पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ ओणम उत्सव मनाया.

लोककथा के अनुसार, ओणम राजा महाबली की वापसी से जुड़ा त्योहार है, जिनके शासनकाल में सभी लोग खुशी से रहते थे.

किंवदंती है कि उनकी लोकप्रियता से ईर्ष्या करते हुए देवताओं ने उन्हें पाताल लोक में भेजने के लिए भगवान विष्णु की मदद मांगी, लेकिन, पाताल में जाने से पहले, महाबली ने विष्णु भगवान से हर साल थिरुवोणम के दिन अपनी प्रजा से मिलने का वरदान प्राप्त किया.

दस दिवसीय त्योहार के सबसे शुभ दिन “थिरुवोणम” के अवसर पर लोगों ने पारंपरिक ‘कासवु’ साड़ी और ‘मुंडू’ (धोती) पहनी और राज्य भर के मंदिरों में दर्शन किए.

गुरुवयूर श्री कृष्ण मंदिर और सबरीमाला अयप्पा स्वामी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी.

सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वायनाड में हाल ही में हुए विनाशकारी भूस्खलन के कारण ओणम का कोई आधिकारिक उत्सव नहीं मनाया जाएगा. इस भूस्खलन में सैकड़ों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए.

राज्य में ओणम के लिए हमेशा की तरह पारंपरिक उत्सव मनाया गया, युवाओं और बच्चों ने अपने घरों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया और बुजुर्गों ने परिवार के अन्य सदस्यों को “ओनाक्कोडी” (नए कपड़े) उपहार में दिए.

पारंपरिक झूला ‘ऊंजल’ भी उत्सव के हिस्से के रूप में कई घरों के आंगनों की शोभा बढ़ाता है.

परिवार के सदस्यों द्वारा एक शानदार ‘ओनासद्या’ (भोज) तैयार किया गया, जिसमें विभिन्न शाकाहारी व्यंजन और स्वादिष्ट मिठाई ‘पायसम’ शामिल थी.

गौरवशाली अतीत की यादों को ताजा करते हुए, स्थानीय स्तर पर ‘वड़मवली’ (रस्साकस्सी) और ‘उरियाडी’ (बर्तन तोड़ना) जैसे पारंपरिक खेलों तथा ‘पुलिक्कली’ और ‘तिरुवथिरा’ जैसी कलाओं का आयोजन किया गया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने केरल के लोगों को शुभकामनाएं दी.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके. स्टालिन, विपक्ष के नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) और राज्य भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने भी लोगों को त्योहार की शुभकामनाएं दी.

एकेएस/एबीएम