वैशाख अमावस्या पर हरिद्वार में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पितृदोष मुक्ति के लिए किया स्नान-दान

हरिद्वार, 27 अप्रैल . हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानी रविवार को वैशाख अमावस्या मनाई जा रही है. हिंदू धर्म मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान, दान और पितृ तर्पण करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है, पुण्य की प्राप्ति होती है, और पूर्वजों को मोक्ष मिलता है. इस पावन अवसर पर देशभर से लाखों श्रद्धालु हरिद्वार की हरकी पौड़ी पर पवित्र स्नान और दान-पुण्य के लिए एकत्र हुए.

इस तिथि पर प्रीति योग और अश्विनी नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जो इसे और भी पुण्यदायी बनाता है. वैशाख अमावस्या का दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित है. हरकी पौड़ी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. लोग गंगा स्नान के बाद पितरों के नाम पर तर्पण, पिंडदान और दान करते नजर आए. कई श्रद्धालुओं ने गरीबों को भोजन, वस्त्र और धन दान कर पुण्य अर्जित किया.

कई श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर विशेष पूजा-अर्चना की और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. इस अवसर पर गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएं कीं, जिसमें पीने का पानी, चिकित्सा सुविधा और यातायात प्रबंधन शामिल हैं.

वैशाख अमावस्या के इस पवित्र दिन पर हरिद्वार सहित देश के अन्य तीर्थस्थलों जैसे प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में भी श्रद्धालुओं ने स्नान और दान-पुण्य के कार्य किए. प्रयागराज में तीर्थ पुरोहित दिनेश पांडे ने समाचार एजेंसी को बताया कि आज वैशाख अमावस्या है. इस दिन पिंडदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं, जिससे घर में सुख-शांति आती है. गंगा स्नान का आज विशेष महत्व है, क्योंकि एक दिन के स्नान से 30 दिनों के स्नान का पुण्य प्राप्त होता है.

हिंदू धर्म में वैशाख माह की सभी तिथियों को अत्यंत शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस माह में किए गए पूजा-पाठ, दान और तप से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वैशाख अमावस्या पर किए गए स्नान और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है. वैशाख अमावस्या का स्नान और दान न केवल पितरों को शांति प्रदान करता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि भी लाता है. इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है.

एसएचके/एएस