लखनऊ, 15 मार्च . योगी सरकार में मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयानों को लेकर उन पर जोरदार निशाना साधा.
शनिवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान संजय निषाद ने कहा कि 1947 में धर्म के आधार पर भारत का बंटवारा हुआ था. जिन्हें धर्म पंसद था वह पाकिस्तान चले गए. जिन्हें भारतीय संस्कृति पंसद थी वह भारत में रहे. ओवैसी जैसे लोगों को इतिहास में झांककर देखना चाहिए कि तलवार की नोंक पर कैसे धर्म बदला. जब बंटवारा हुआ तब भारत से मुसलमान पाकिस्तान चले गए. आज वो पाकिस्तान में रो रहे हैं. भारत वापस आने की गुहार लगा रहे हैं. क्योंकि, वहां दाने-दाने के लिए मोहताज हैं. लेकिन, भारत में ओवैसी जैसे लोग मुसलमानों में भ्रम पैदा कर रहे हैं. मैं समझता हूं कि एनडीए की सरकार में सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर विकास करने का काम कर रही है.
वक्फ संशोधन बिल लाकर मस्जिदों पर कब्जा करने वाले ओवैसी के बयान पर योगी सरकार में मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि मैं यह कह रहा हूं कि वक्फ का मतलब ट्रस्ट है. हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इसका कोई दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. अगर ट्रस्ट बोर्ड अल्लाह के नाम पर चलता है, तो कोई गलत काम नहीं होना चाहिए. भारत संविधान से चलेगा. भारत के मुसलमानों ने माना है कि संविधान के तहत उनके बच्चों को विकास होगा. ओवैसी जैसे लोग नफरत फैलाना चाहते हैं, लेकिन मुसलमानों को समझ में आ रहा है. ओवैसी नफरत की राजनीति से मुसलमानों मजदूर बना रहे हैं. लेकिन, एनडीए सरकार सभी का ध्यान रख रही है. होली और जुमे की नमाज शांति से हुई. मैं तो पीएम मोदी और सीएम योगी से अपील करूंगा कि जिन्हें भारतीय संस्कृति से नफरत है उन्हें भारत से निकालकर दूसरे देश भेज दें. इन लोगों को पाकिस्तान भेजा जाए और भारत आने पर पाबंदी लगा दी जाए.
नाथूराम गोडसे से बेहतर था औरंगजेब, स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर योगी सरकार में मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि वह अपने बेटे का नाम औरंगजेब रखें. औरंगजेब का इतिहास ही नफरत फैलाने का रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य औरंगजेब का समर्थन कर रहे हैं तो अपने घर से शुरुआत करें और कहे कि औरंगजेब अच्छे थे और इसलिए मैं अपने बेटे का नाम औरंगजेब रख रहा हूं.
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डीकेएम/