जम्मू, 6 मार्च . विदेश मंत्री एस जयशंकर के पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को लेकर दिए गए बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमने उन्हें पीओके लेने से नहीं रोका है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत के दौरान एस जयशंकर के बयान कि पीओके हम लेकर रहेंगे के सवाल पर कहा कि उन्हें पीओके लेने से किसने रोका है. वो जब पीओके को लेना चाहें जब लें, हमने तो उन्हें नहीं रोका.
बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा इंग्लैंड में एक कार्यक्रम में पीओके के भारत में मिलते ही कश्मीर समस्या समाप्त होने वाले बयान का केसी त्यागी ने समर्थन किया थी. केसी त्यागी ने से बातचीत के दौरान कहा था कि मैं विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान से सहमत हूं. पीओके कश्मीर और भारत का अभिन्न अंग है. उसके बगैर भारत और कश्मीर दोने अधूरे हैं.
वहीं, भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने एस जयशंकर के पीओके को लेकर दिए बयान का समर्थन करते हुए कहा कि 1994 में संसद में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा माना गया है. यह भारत की पुरानी नीति है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा.” उन्होंने यह भी कहा कि जब मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर का परिसीमन किया और 114 सीटों में से 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लिए आरक्षित की गईं, तो यह स्पष्ट संकेत था कि भारत इस क्षेत्र को अपने साथ जोड़ने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि कश्मीर में वास्तव में हमने बहुत अच्छा काम किया है. मुझे लगता है कि हमने इसका अधिकांश समाधान किया है और अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था. फिर, कश्मीर में विकास और आर्थिक गतिविधियों को बहाल करना और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना दूसरा कदम था. चुनाव कराना, जिसमें बहुत अधिक मतदान हुआ, यह तीसरा कदम था. मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से की प्रतीक्षा कर रहे हैं वह कश्मीर का वह हिस्सा है जो अवैध पाकिस्तानी कब्जे में है. जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको आश्वस्त करता हूं, कश्मीर का मुद्दा हल हो जाएगा.
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