बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रयागराज के संगम पर उमड़ा भक्तों का सैलाब

प्रयागराज, 23 मई . देशभर में गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर श्रद्धालु उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जल तीर्थों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. गंगा घाट पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा है. इस दौरान लोग गंगा मैया की पूजा कर अपने पितरों को जल अर्पित कर रहे हैं.

हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, भगवान विष्णु ने अपना नौवा अवतार बुद्ध के रूप में लिया था. बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इस खास मौके पर श्रद्धालु प्रयागराज के संगम तट पर पहुंचकर गंगा में स्नान कर आस्था की डुबकी लगाकर अपने परिजनों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आप चंद्रमा से जुड़ी कई बड़ी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. भारतीय पंचांग में वैशाख साल का दूसरा महीना होता है. पूजा-पाठ के लिए भी बुद्ध पूर्णिमा की तिथि कल्याणकारी मानी जाती है. वैशाखी पूर्णिमा को श्री हरि ने कच्छप अवतार लिया था. इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था.

मान्यता है कि इस दिन दान करने से भगवान बुद्ध की विशेष कृपा अपने भक्तों पर बरसती है, जिससे आप जीवन की तमाम समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. अगर आप भगवान विष्णु के अलावा भगवान शिव की भी पूजा करें, तो कहा जाता है कि आपको रोगों से मुक्ति मिल सकती है. इस दिन भगवान विष्णु के समक्ष दीपक जलाने के अलावा उन्हें फल, फूल और मिठाई अर्पित करें, इससे आपको निकट भविष्य में अपार सफलता अर्जित होंगी.

बुद्ध पूर्णिमा के दिन आप सिर से स्नान करें. इस दिन सिर से स्नान करना शुभ माना जाता है. सिर से स्नान करने के उपरांत सूर्य को अर्घ दें. साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद मंत्र का जाप करें. इस दिन किसी गरीब को सफेद वस्तु दान करने से पुण्य मिलता है.

एसएचके/एकेजे