मासिक शिवरात्रि पर गुरु-पुष्य समेत बन रहे ये अति शुभ योग, ऐसे करें महादेव की पूजा

New Delhi, 20 अगस्त . प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. 21 अगस्त को मासिक शिवरात्रि है और इस दिन गुरु-पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि जैसे अति शुभ योगों का संयोग बन रहा है. यह दिन भगवान शिव की उपासना और शुभ कार्यों के लिए विशेष महत्व रखता है.

त्रयोदशी तिथि शाम 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी. चंद्रमा कर्क राशि में संचार करेंगे और पुष्य नक्षत्र 22 अगस्त की रात 12 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. सूर्योदय 5 बजकर 53 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 6 बजकर 54 मिनट पर होगा.

मासिक शिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर है. इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है.

खास बात है कि इस दिन शुभ योगों का भी संयोग बन रहा है. गुरु-पुष्य योग, जो Thursday को पुष्य नक्षत्र के संयोग से बनता है, धन, समृद्धि और बुद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है. वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. यह योग सभी कार्यों की सिद्धि के लिए जाना जाता है. इस दिन नए कार्य शुरू करना, निवेश करना या महत्वपूर्ण निर्णय लेना शुभ होता है. अमृत सिद्धि योग आध्यात्मिक और सांसारिक कार्यों में सफलता प्रदान करता है. इस दिन की गई पूजा और साधना विशेष फलदायी होती है.

शिवरात्रि के दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है. प्रात:काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. शिव मंदिर या घर के पूजा स्थल पर शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद और शक्कर चढ़ाएं. इसके बाद अभिषेक करें. भगवान को बिल्वपत्र, धतूरा, भांग और सफेद फूल अर्पित करें साथ ही काला तिल, जनेऊ, सुपारी, जौ, गेहूं, गुड़, अबीर बुक्का के साथ अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं. विधि-विधान से पूजा करने के बाद ध्यान लगाएं और ‘ओम नम: शिवाय’ और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें. शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें. इस दिन संभव हो तो उपवास रखें और रात्रि जागरण कर भक्ति भजनों का गायन करें. पूजा के अंत में आरती करें और प्रसाद वितरित करें.

एमटी/एएस