जलगांव, 23 मार्च . महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार के करीबी सहयोगी और प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जो आधे घंटे से अधिक समय तक चली. इस बैठक से राज्य के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने इस बैठक का समर्थन करते हुए कहा, “हम राजनेता एक-दूसरे के विरोधी हैं, दुश्मन नहीं.”
भुजबल ने यह भी बताया कि जयंत पाटिल और वह खुद अक्सर चर्चा करते रहते हैं. उन्होंने कहा, “वे विधानसभा में मेरे बगल में बैठते हैं, और हम नियमित रूप से एक-दूसरे से चर्चा करते हैं. यह सामान्य बात है, हम दुश्मन नहीं हैं.”
राज्य में बढ़ते अपराधों के बारे में चिंता जताते हुए भुजबल ने कहा, “बीड में घरों में आग लगाई गई है, और इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.” उन्होंने आगे कहा कि राज्य में बढ़ती हिंसा और क्रूरता को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए.
महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता छगन भुजबल ने आगे कहा कि सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में जुटे नेताओं को हमेशा से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, यह कोई नई बात नहीं है.
भुजबल ने यह भी साफ किया कि उनका मंत्री पद से हटाया जाना इस मुद्दे से संबंधित नहीं है. उन्होंने मंत्री पद पर कोई टिप्पणी करने से भी परहेज किया.
इसके अलावा, भुजबल ने कहा कि आरक्षण और अन्य मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करना चाहिए और इन मामलों में राजनीतिक नेतृत्व का रचनात्मक दृष्टिकोण बेहद आवश्यक है.
कुंभ मेले के आयोजन से जुड़ी बैठक पर भुजबल ने कहा कि वे इस विषय में ज्यादा नहीं जानते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आज नासिक में कुंभ मेले की तैयारियों के बारे में अधिकारियों से जानकारी लेंगे.
महात्मा फुले को भारत रत्न दिए जाने की मांग पर भुजबल ने कहा कि वह इस मांग के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वे भारत रत्न से भी बड़े व्यक्ति थे.
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एकेएस/