अजमेर, 29 दिसंबर . राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने शनिवार को राज्य में नौ जिलों को खत्म करने का फैसला लिया. इस पर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी रविवार को प्रतिक्रिया दी है.
राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत के दौरान नौ जिलों के समाप्त किए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय सरकार और मंत्रिमंडल ने मिलकर विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया होगा. उस फैसले पर जनता की प्रतिक्रिया भी आई है. मुझे लगता है जनहित में जो काम हो रहे हैं, उसको सरकार ने भी समझ कर किया होगा, विपक्ष अपनी बात उठा रहा है. निश्चित रूप से जनहित में जो भी ठीक हो वह किया जाना चाहिए. सरकार इस पर विचार कर रही होगी.
उन्होंने आगे कहा कि अगर कहीं कोई कमी रह गई हो, तो सरकार उस पर विचार करके निर्णय लेगी. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए देवनानी ने कहा कि इसका जवाब मुख्यमंत्री ही देंगे. क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री का जवाब तो मुख्यमंत्री को ही देना होता है. लेकिन किसी सरकार ने 4 साल के बाद जिलों के गठन का निर्णय लिया, उसके बाद वर्तमान सरकार को भी फैसला लेने में समय लगा. इसलिए दोनों के अपने-अपने पहलू हैं. मैं समझता हूं कि जब भी जिस सरकार को ठीक लगा, उस सरकार ने अपने कदम उठाए हैं.
बता दें कि शनिवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गठित नौ जिलों व तीन नए संभागों को भी खत्म करने का निर्णय लिया गया था. हालांकि, पूर्व सरकार के आठ नए जिलों को बरकरार रखा गया.
मंत्रिमंडल की बैठक में जिन नौ जिलों को खत्म करने का फैसला किया गया है उनमें अनूपगढ़, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीम का थाना, सांचौर व शाहपुरा शामिल है.
सरकार के नौ जिलों के खत्म करने के फैसले पर कांग्रेस समेत अन्य संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. शाहपुरा जिला बनाओ संघर्ष समिति के लोगों ने रविवार को बाजार बंद करवाए. वहीं, नीमकाथाना में टायर जलाकर प्रदर्शन भी किया.
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