नई दिल्ली, 20 फरवरी . पश्चिम बंगाल में एक निजी चैनल के पत्रकार की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली के कई पत्रकार संगठन सामने आए हैं. नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में एक निजी चैनल के रिपोर्टर संतू पान की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए संघर्ष करने का ऐलान किया है.
पत्रकार संगठनों की तरफ से बुधवार को बंग भवन पर प्रदर्शन करने की घोषणा की गई है. पत्रकार की गिरफ्तारी के विरोध में जंतर-मंतर से हैली रोड स्थित बंग भवन तक मार्च किया जाएगा. एनयूजेआई और डीजेए की मंगलवार को 7 जंतर-मंतर कार्यालय पर आयोजित बैठक में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में अघोषित आपातकाल लगाकर मीडिया का गला घोंटा जा रहा है. एनयूजेआई और डीजेए ने गिरफ्तार पत्रकार को तुरंत रिहा करने की मांग की है.
संगठनों ने मांग की है कि पत्रकारों को राज्य में स्वतंत्र तरीके से काम करने दिया जाए. एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि एक तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है और दूसरी तरफ गुंडाराज का खुलासा करने वाले पत्रकारों को जेल में बंद किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों पर बंगाल में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं. एनयूजेआई का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल का दौरा कर पत्रकारों पर हो रहे हमले और उत्पीड़न की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेगा.
दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के संयोजक राकेश थपलियाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पत्रकारों को गिरफ्तार करने की पहले भी कई घटनाएं हुई हैं. इस कारण कई मीडिया संस्थान बंद हो गए. बैठक में वरिष्ठ सदस्य अशोक किंकर, प्रेस काउंसिल के पूर्व सदस्य आनंद राणा, एनयूजे की पूर्व उपाध्यक्ष सीमा किरण, संसद टीवी के वरिष्ठ पत्रकार और डीजेए के पूर्व अध्यक्ष मनोज वर्मा, नरेश गुप्ता, अशोक बर्थवाल आदि पत्रकारों ने पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये की निंदा की और गिरफ्तार पत्रकार की रिहाई की मांग की.
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पीकेटी/एबीएम