शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण देने की घोषणा पर बेटे अंशुमान ने कहा- सरकार के निर्णय का दिल से स्वागत

पटना, 26 जनवरी . भारत सरकार ने बिहार की सात हस्तियों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की है. इन हस्तियों में बिहार की स्वर कोकिला नाम से मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का नाम भी शामिल हैं. शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा. भारत सरकार की इस घोषणा पर शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमान सिन्हा ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए खुशी व्यक्त की.

शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने कहा, “ये बहुत गौरव का क्षण है. हम परिजनों के साथ पूरे राज्य और पूरे देश के लिए गर्व की बात है. लोक संगीत की धारा में तीनों सर्वोच्च नागरिक सम्मान को पाना अपने आप में ऐतिहासिक है. सभी परिजन केंद्र सरकार के इस निर्णय का हृदय से स्वागत और धन्यवाद करते हैं.”

अंशुमान ने कहा, “सरकार ने ये पहल करके लोक संस्कृति, लोकगीतों और सुसंस्कृति का सम्मान किया है. यह बहुत ही खुशी का पल है. मां जीवित होती तो आज का दिन ही अलग होता. आज सभी गीत गाने को बोल रहे होते और वह सबको गीत गाकर सुनाती. हम उन्हें बहुत याद कर रहे हैं. पिताजी भी होते तो वह खुशी से पूरे घर को सजा रहे होते. ये क्षण आया और सरकार ने इसपर ध्यान दिया. हम सभी बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.”

उन्होंने बताया, “जब शारदा जी को 1991 में पद्मश्री मिला था, तो हम बहुत छोटे बच्चे थे. हमें कुछ पता भी नहीं था. हम अपनी पढ़ाई में लगे हुए थे. वह जब पुरस्कार लेकर आती थीं तो हमें सिर्फ पता होता था कि मां आ गईं. वह पद्म श्री या पद्म भूषण लेकर आ रही हैं, हमें यह नहीं पता होता था. उन्हें 1991 में पद्मश्री मिला और 2018 में पद्म भूषण मिला. काफी बड़े अंतराल के बाद उन्हें पद्म भूषण मिला और उस अंतराल की भरपाई ऐसे हुई कि उनको जल्द ही पद्म विभूषण दिया गया.”

अंशुमान ने कहा, “उन्होंने लोक संस्कृति को पूरे विश्व में जिस तरीके से फैलाया है, यह उनके गुण का सम्मान और काबिले तारीफ है. यह जनता का अवार्ड है. जब तक लोग इसको समर्थन नहीं देंगे, यह कैसे संभव होगा. लोगों ने अपना प्यार बरसाया है और सरकार ने भी उसका सम्मान किया है.”

शारदा सिन्हा को भारत रत्न देने के सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं कहूंगा कि वह भारत की रत्न हैं. अवार्ड मिलना एक पद्धति है, वो जब होगा तब होगा, लेकिन मैं बिल्कुल कहूंगा कि वह भारत की रत्न हैं.”

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