अमरनाथ यात्रा : 12वें दिन 19 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन

जम्मू, 11 जुलाई . अमरनाथ यात्रा के 12वें दिन 19 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए. गुरुवार को 4,885 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ.

बारिश के बावजूद और ‘बम बम भोले’ के नारे लगाते हुए 19,631 श्रद्धालुओं ने बुधवार को कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित पवित्र गुफा मंदिर के अंदर बाबा बर्फानी दर्शन किए.

श्रद्धालुओं के समूह में दक्षिण कश्मीर नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर और उत्तर कश्मीर बालटाल आधार शिविर के तीर्थयात्री शामिल थे.

स्थानीय लोग यात्रियों की मदद कर रहे हैं. वे कुछ बुजुर्ग यात्रियों को अपनी पीठ पर उठाकर खतरनाक पहाड़ी रास्ते से ले जा रहे हैं. यह रास्ता बारिश के दौरान ज्यादा फिसलन भरा हो जाता है.

अधिकारियों ने 48 किमी लंबे पहलगाम और 14 किमी लंबे बालटाल-गुफा तीर्थ स्थल दोनों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है. दोनों मार्गों पर और पारगमन शिविरों ताथ गुफा मंदिर में 124 से अधिक लंगर (सामुदायिक रसोई) बनाये गए हैं. इस साल की यात्रा के दौरान 7 हजार से ज्यादा सेवादार यात्रियों की सेवा कर रहे हैं. दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं.

यात्रा शुरू होने के बाद से 12 दिनों में 2.50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अमरनाथ की यात्रा कर चुके हैं. गुरुवार को कश्मीर के लिए रवाना हुए 4,885 तीर्थयात्रियों में से 1,894 तीर्थयात्री 86 वाहनों में सवार होकर सुबह 3:05 बजे रवाना हुए, जबकि 2,991 तीर्थयात्रियों को लेकर दूसरा सुरक्षा काफिला 105 वाहनों में सवार होकर सुबह 3.52 बजे रवाना हुआ.

पहला काफिला बालटाल बेस कैंप जा रहा है, जबकि दूसरा काफिला नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप जा रहा है. तीर्थयात्री घाटी तक पहुंचने के लिए लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग करते हैं. सुरक्षा के व्यापक प्रबंधों के कारण बिना किसी बाधा के मार्ग उपलब्ध कराए जाने के कारण, दोनों तीर्थयात्री काफिले प्रत्येक दिन दोपहर तक घाटी पहुंच जाते हैं.

यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर दिन शाम 5 बजे के बाद पारगमन शिविरों से दोनों आधार शिविरों की ओर तीर्थयात्रियों के आवागमन की इजाजत नहीं है.

29 जून को शुरू होने के बाद से अमरनाथ यात्रा सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रही है. 52 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 29 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के त्योहार के साथ समाप्त होगी.

एफजेड/