आरसीबी के चैंपियन बनने पर मंधाना ने कहा, भारतीय कप्तानों का ट्रॉफी उठाना शानदार

नई दिल्ली, 18 मार्च . स्मृति मंधाना की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने डब्ल्यूपीएल 2024 का खिताब अपने नाम किया. पिछले 16 सालों से फ्रेंचाइजी टी20 लीग में एक ट्रॉफी के लिए जूझ रही बैंगलोर का इंतजार आखिरकार महिला प्रीमियर लीग में खत्म हो गया.

ट्रॉफी जीतने के बाद, कप्तान स्मृति मंधाना को लगता है कि भारतीय कप्तानों का अपनी-अपनी टीमों को खिताब दिलाने का चलन नेतृत्व के दृष्टिकोण से भारतीय महिला क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत है.

पिछले साल, मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत कौर ब्रेबॉर्न स्टेडियम में पहली डब्ल्यूपीएल विजेता कप्तान बनी थी.

रविवार को, जब आरसीबी ने अरुण जेटली स्टेडियम में 29,131 प्रशंसकों के सामने दिल्ली कैपिटल्स को 8 विकेट से हराया, तो डब्ल्यूपीएल विजेता कप्तान के रूप में स्मृति ने अपना नाम इतिहास में दर्ज कर लिया.

मैच के बाद स्मृति ने कहा, “पिछले साल जब मुंबई इंडियंस ने फाइनल में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ खेला था, कहीं न कहीं मैं चाहती थी कि हरमन ट्रॉफी उठाए. डब्ल्यूपीएल के पहले संस्करण में, अगर किसी भारतीय कप्तान को जीतना था, तो अगर मैं नहीं, तो वह हरमन ही थी.”

“मैं उस समय मुंबई के लिए वास्तव में खुश थी. मुझे नहीं पता था कि मैं डब्ल्यूपीएल जीतने वाली दूसरी भारतीय कप्तान बनूंगी. मैं सच में इस जीत से बहुत खुश हूं और यह दिखाता है कि भारतीय क्रिकेट में कितनी गहराई है. यह तो सिर्फ शुरुआत है, भारतीय कप्तानों के नजरिए से हमें अभी भी लंबा रास्ता तय करना है.”

उनका मानना है कि डब्ल्यूपीएल 2023 के बाद अब 2024 में खिताब जीतना, उनके लिए खुद पर भरोसा करने और मुश्किल मैच के दौरान शांत रहने के मामले में सीखने का एक बड़ा दौर रहा है.

मंधाना ने यह भी कहा, “एक चीज जो मैंने सीखी है, वह है खुद पर विश्वास करना. मुझे लगा कि मुझमें यही कमी है. पिछले साल जब कई मौकों पर नाकामी झेलनी पड़ी, तो मैंने खुद पर संदेह किया. मुझे खुद पर भरोसा बनाए रखने की जरूरत है और यही मेरे लिए सबसे बड़ी सीख है.”

“यहां तक कि मैच में पहले 6 ओवर में 60 से ज्यादा रन बनने के बाद भी हमने उम्मीद नहीं छोड़ी. हमने कुछ चीजों की योजना बनाई थी जो हमारे मुताबिक नहीं रहीं. कुछ फील्ड सेट हमारे मुताबिक नहीं रहे, लेकिन एकमात्र चीज जो स्थिर रही, वह मेरा विश्वास था. मैं घबराई नहीं और अपने आपको शांत रखा, जो मेरे लिए एक वास्तविक सीख थी.”

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