राजनाथ सिंह के बयान पर प्रवीण खंडेलवाल ने कहा- सिंधु घाटी है भारत की प्राचीन सभ्यता का अभिन्न हिस्सा

New Delhi, 24 नवंबर . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा Pakistan के सिंध प्रांत को लेकर दिए गए बयान के बाद BJP MP प्रवीण खंडेलवाल ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अवसर हमेशा खुले रहते हैं. सिंधु घाटी सभ्यता India की प्राचीन सभ्यता का अभिन्न हिस्सा है, जो बात राजनाथ सिंह ने कही, वह ऐतिहासिक सत्य है.

खंडेलवाल ने से कहा कि सिंध का India से गहरा रिश्ता है और जब हम अखंड India की बात करते हैं तो सिंध से जुड़े सभी क्षेत्र इसमें शामिल थे.

उन्होंने कहा कि Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में हम अखंड India के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

दरअसल, सिंधी समाज सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि सिंध की जमीन आज भले ही India का हिस्सा न हो, लेकिन सभ्यता और सांस्कृतिक रूप से वह हमेशा India का अभिन्न अंग रहेगा.

उन्होंने आगे कहा कि सीमाएं कभी भी बदल सकती हैं और कौन जानता है कि कल सिंध फिर से India में शामिल भी हो सकता है. रक्षा मंत्री ने यह भी कहा था कि सिंधी समाज के लोग सिंधु नदी को पवित्र मानते हैं और यह संबंध सदियों से India की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा रहा है.

दूसरी ओर, BJP MP ने एसआईआर को लेकर चल रही बहस पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “यह एक पूरी तरह कानूनी और आवश्यक प्रक्रिया है और हर नागरिक को कानून का पालन करना चाहिए. दुर्भाग्य की बात है कि एक Governmentी मंत्री (इरफान अंसारी) ने इस बारे में गैरजिम्मेदार बयान दिया है.”

बता दें कि Jharkhand के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एसआईआर के खिलाफ कहा था कि एसआईआर के बहाने भाजपा घुसपैठिए बताकर लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काटने का काम कर रही है. उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे एसआईआर का विरोध करें. जब भी एसआईआर के नाम पर बीएलओ उनके घर आएं तो उन्हें बांधकर रखें.

प्रवीण खंडेलवाल ने घुसपैठिए के मुद्दे पर कहा, “मैं योगी आदित्यनाथ के आदेश का स्वागत करता हूं. देश में गैर-कानूनी तरीके से रह रहे किसी भी व्यक्ति को (चाहे वह रोहिंग्या हो बांग्लादेशी हो या कोई और) भारतीय नागरिक बनने का कोई अधिकार नहीं है. India के संसाधन भारतीय नागरिकों के लिए हैं, गैर-कानूनी घुसपैठियों के लिए नहीं. हर घुसपैठिए की पहचान करके उसे देश से निकालना चाहिए और अगर वे विरोध करते हैं, तो उन्हें जबरदस्ती देश से निकाल देना चाहिए. यह देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए जरूरी है.”

वीकेयू/एएस