राजकुमार आनंद के इस्तीफे पर बोली भाजपा, ‘आप पार्टी और केजरीवाल घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त’

नई दिल्ली, 10 अप्रैल . अरविंद केजरीवाल सरकार से उनके ही मंत्री राजकुमार आनंद द्वारा इस्तीफा देने पर कटाक्ष करते हुए भाजपा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पूरी तरह से घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त है. भाजपा ने यह भी कहा कि केजरीवाल के घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर आप के नेता घुटन महसूस कर रहे हैं.

इसके साथ ही भाजपा ने संदेशखाली पर कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए टीएमसी पर भी निशाना साधा और प्रियंका गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाए.

भाजपा राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने राजकुमार आनंद के इस्तीफा देने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आप के मंत्री का आज का यह इस्तीफा बताता है कि आम आदमी पार्टी के अंदर केजरीवाल के घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर लोग घुटन महसूस कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल के नेतृत्व में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप देने का काम किया है. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पूरी तरह से घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त है. आप किसी माफिया की तरह उगाही करती है और चुनाव में उस पैसे को खर्च करती है.

तरुण चुग ने आगे कहा कि जो लोग परिवर्तन और नई सुबह के नाम पर आए थे, वो लोग आज खुद ही भ्रष्टाचार की जननी बन गए हैं. न्यायालय ने भी अरविंद केजरीवाल को आप मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर शराब घोटाले का हिस्सेदार माना है. आप के नेता न्यायालय का भी अपमान कर रहे हैं.

तरुण चुग ने संदेशखाली को लेकर आए न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आज वहां पर अत्याचार सहने वाली महिलाओं को बहुत बड़ी जीत मिली है. तानाशाह बनी ममता बनर्जी के लिए शाहजहां शेख तमाम नियम कानूनों से ऊपर है.

उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने अपने एजेंडे के तहत शाहजहां शेख को सरंक्षण दे रखा था, लेकिन अब सीबीआई जांच होने से दोषी का असली चेहरा सामने आ जाएगा. अपराधियों पर कार्रवाई होगी और कानून अपना काम करेगा. टीएमसी नेता बंगाल से लेकर दिल्ली तक शाहजहां शेख को बचाने के लिए धरना दे रहे हैं.

उन्होंने प्रियंका गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा देने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा चुप क्यों हैं, संदेशखाली पर वह चुप क्यों हैं? महिला अधिकारों की बात करने लोग आज चुप क्यों हैं? इस रहस्यमयी चुप्पी के आखिर क्या मायने हैं और यह रिश्ता क्या कहलाता है?

एसटीपी/एबीएम