नई दिल्ली, 4 अप्रैल . विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच संसद के दोनों सदनों से ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025’ पारित हो गया. कई मुस्लिम संगठन विधेयक का स्वागत कर रहे हैं, तो वहीं कुछ विरोध भी कर रहे हैं. संवेदनशील इलाकों में से एक उत्तर प्रदेश के संभल में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को विधेयक पर अपनी राय रखी.
संसद से वक्फ संशोधन विधेयक के पास होने पर मुस्लिम समुदाय के एक युवक ने समाचार एजेंसी से कहा, “हमें इस बात की नाराजगी है कि सरकार ने हमारी बात नहीं मानी. लेकिन हम जो भी करेंगे, वह संविधान के दायरे में करेंगे. ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहते कि हमारे परिवार, क्षेत्र, राज्य या देश में शांति भंग हो. अगर संविधान के तहत बिल पास हुआ है, तो ठीक है, अगर ऐसा नहीं है, तो एक रास्ता सुप्रीम कोर्ट का भी बनता है. हम विधेयक का विरोध करने के लिए कानून का सहारा लेंगे. वक्फ की संपत्ति की देखभाल का काम मुसलमानों के हाथों में ही रहना चाहिए. यह हमें खामी नजर आती है.”
मुस्लिम समाज के एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “सरकार ने इस पर फैसला लिया है, तो सही ही होगा. सभी को सरकार पर भरोसा रखना चाहिए. नकारात्मक न सोचकर सकारात्मक पहलुओं पर भी ध्यान देना चाहिए. अभी सब कुछ शांत है, विधेयक को लेकर कोई विरोध नहीं हो रहा है.”
ईद के अवसर पर भाजपा द्वारा बांटे गए पीएम मोदी के किट का जिक्र करते हुए एक युवक ने कहा, “वक्फ विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है. पीएम मोदी ने देश के 32 लाख गरीब मुसलमान परिवारों को किट देने की बात कही थी. हमारी सोच थी कि वह किट देने की बजाय इस विधेयक पर गौर कर लेते. यह विधेयक पास नहीं होता, तो बेहतर होता. (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह और (अल्पसंख्यक कार्य मंत्री) किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ की कमेटी में मुस्लिम होंगे, किसी अन्य धर्म के लोग नहीं होंगे. यह विधेयक मुसलमानों के हित का है. मेरी यही कामना है कि जैसा वे कह रहे हैं, वैसा ही हो. इस देश में जितना हक हमारा है, उतना ही अन्य लोगों का है.”
एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “हमारे मजहबी गुरु और सियासत के लोग जो कहेंगे, उनके साथ चलेंगे. हम इस विधेयक से सहमत नहीं हैं और इसका विरोध करेंगे.”
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एससीएच/एकेजे