‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर दिग्गजों ने कहा, ‘देश के विकास के लिए जरूरी’

नई दिल्ली, 12 दिसंबर . केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को दी गई मंजूरी के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. इस मुद्दे पर गुरुवार को से बात करते हुए कई दिग्गजों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने देश के विकास के लिए इसको जरूरी बताया.

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा, “केंद्रीय कैबिनेट का यह बहुत अच्छा फैसला है, कैबिनेट ने इसको मंजूरी दी. अब लोकसभा और राज्यसभा में इस पर चर्चा होगी. पूरे वर्ष चुनाव होते रहते हैं. लोकसभा खत्म हुआ तो हरियाणा, उसके बाद महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव हुए और अब दिल्ली के आ रहे हैं. चुनाव के दौरान ब्यूरोक्रेसी थम सी जाती है, ऐसे में यह एक ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ सही फैसला है. ऐसे में संसद को इसके प्रारूप पर अच्छे से निर्णय लेना चाहिए.”

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, ” ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ से पैसा बचेगा, जीडीपी में ग्रोथ होगी. आचार संहिता के कारण कई कार्यों की गति रुक जाती है. कई परियोजनाओं को रोका जाता है. ऐसे में देश को गति देने के लिए ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की जरूरत है. यी फैसला पहले ही हो जाना चाहिए था.

विपक्ष को घेरते हुए पासवान ने कहा, “उनको किस बात पर ऐतराज होता है और नहीं होता है. जहां पर जीतते हैं, वहां पर ईवीएम सही रहती है और जहां पर हारते हैं, वहां खराब हो जाती है. इसी तरह चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हैं. सभी को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का स्वागत करना चाहिए.”

हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह बहुत सही फैसला है. यह पहले ही लिया जाना था, लेकिन पूर्व की सरकारों ने इस पर नहीं सोचा. पीएम मोदी ने कई सारी नई चीजें की हैं. आचार संहिता लगने से विकास के काम रुक जाते थे. पीएम मोदी देश को आगे ले जाना चाहते हैं और सभी भारतीय को इसका स्वागत करना चाहिए.”

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हाथरस जाने पर स्थानीय भाजपा सांसद अनूप वाल्मीकि ने कहा, “वह बड़े नेता हैं. उनको उन राज्यों में जाना चाहिए, जहां कांग्रेस की सरकार है. जहां तक हाथरस की बात है, पीड़ित परिवारों की मांग थी कि केस की जांच सीबीआई से कराई जाए और जो हमारी सरकार द्वारा कराई गई. जो भी दोषी पाए गए, उनके खिलाफ कार्रवाई हुई. लेकिन कोर्ट में निर्णय गया तो तीन लोग निर्दोष साबित हुए और एक पर चार्जशीट लगाकर उस पर कार्रवाई करने का काम हुआ. फिर मामला हाई कोर्ट गया, जहां पर केस विचाराधीन है. हाई कोर्ट का जो भी निर्णय होगा, उत्तर प्रदेश सरकार उसका पालन करेगी.”

एससीएच/एकेजे