नई दिल्ली, 16 मार्च . न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सर रविवार को पांच दिवसीय यात्रा पर भारत आए . इस दौरान ऑकलैंड में भारत के पूर्व वाणिज्यदूत भाव ढिल्लो ने न्यूज एजेंसी से खास बातचीत की. उन्होंने कई क्षेत्रों में सहयोग की उम्मीद जताई.
क्रिस्टोफर लक्सन की भारत यात्रा पर ऑकलैंड में भारत के वाणिज्य दूत भाव ढिल्लो ने कहा, “यह यात्रा नौ साल बाद हो रही है. न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आए. ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां परिणाम और सहयोग की उम्मीद है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता की शुरुआत होना है.”
दोनों देशों के बीच कृषि से जुड़ी संभावनाओं के बारे में ढिल्लो ने बताया, “भारत भी एक कृषि प्रधान देश है, जिसकी अधिकांश आबादी कृषि में लगी हुई है. न्यूजीलैंड में भी कृषि क्षेत्र मजबूत है. न्यूजीलैंड की तरफ, कृषि प्रौद्योगिकी में कई अवसर हैं, जिनमें सब्जी की खेती, बागवानी, सेब की खेती और डेयरी प्रौद्योगिकी शामिल हैं. इन सभी क्षेत्रों में भारत और न्यूजीलैंड के बीच सहयोग की काफी संभावनाएं हैं.”
भारतीय प्रवासी को लेकर उन्होंने कहा, “न्यूजीलैंड में भारतीय प्रवासी बहुत मजबूत हैं, जिनकी आबादी लगभग 3,00,000 है, जो न्यूजीलैंड की कुल आबादी का 6 प्रतिशत है. न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर ऑकलैंड में लगभग 11 प्रतिशत भारतीय आबादी है, साथ ही एक महत्वपूर्ण छात्र समुदाय भी है. इस यात्रा के दौरान, शिक्षा क्षेत्र में और अधिक सहयोग होगा, और हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में न्यूजीलैंड आने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी”
पर्यटन की दृष्टि से उन्होंने बताया, “न्यूजीलैंड दुनिया के सबसे खूबसूरत देशों में से एक है. जैसे-जैसे भारत का विकास हो रहा है और इसके लोग अधिक समृद्ध होते जा रहे हैं, कई लोग न्यूजीलैंड की यात्रा करने की इच्छा रखते हैं, जिससे पर्यटन में लगातार वृद्धि सुनिश्चित होती है. जब खेलों की बात आती है, तो क्रिकेट एक मजबूत एकीकृत कारक के रूप में कार्य करता है. भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेल संबंध मजबूत बने हुए हैं.”
उन्होंने बताया, “प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन मुख्य अतिथि के रूप में रायसीना डायलॉग में भाग ले रहे हैं. हम सभी जानते हैं कि रायसीना डायलॉग भारत का प्रमुख भू-राजनीतिक सम्मेलन है. न्यूजीलैंड का दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में विशेष स्थान है और भारत के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण हित हैं. इसलिए, प्रधानमंत्री लक्सन के रायसीना डायलॉग में मुख्य अतिथि के रूप में होने से यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है.”
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एससीएच/