मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर आईआरएस अधिकारी वानखेड़े ने कहा, ईडी मामले से हैरान हूं

मुंबई, 10 फरवरी . ईडी ने आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ दर्ज मनी-लॉन्ड्रिंग मामलेे पर हैरानी जताई और आश्वासन दिया कि वह जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करेंगे.

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के पूर्व जोनल डायरेक्टर वानखेड़े अक्टूबर 2021 में कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के दौरान कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप और सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं, इसमें एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को भी गिरफ्तार भी किया गया था.

समीर वानखेड़े ने महाराष्ट्र में एक संक्षिप्त प्रतिक्रिया में कहा, “ईडी ने 2023 में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी. यह आश्चर्यजनक है कि यह ईसीआईआर सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है, जो पहले से ही बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष सवालों के घेरे में है.”

हालांकि, उन्होंने बताया कि मामला अदालत में विचाराधीन है. इसलिए वह इस पर अधिक कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन सही समय पर अदालत में उचित जवाब देंगे. समीर वानखेड़े ने दोहराया कि उन्हें भारतीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.

एनसीबी मुंबई जोनल निदेशक के रूप में आईआरएस अधिकारी का कार्यकाल सीबीआई की जांच के दायरे में है, जिसने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने वाली ईडी ने अब वानखेड़े को पूछताछ के लिए बुलाया है.

आईआरएस 2008 के एक अधिकारी, वानखेड़े ने पहले ईडी द्वारा किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था.

क्रूजर कॉर्डेलिया पर हाई-प्रोफाइल एनसीबी छापे के दौरान, 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उस ऑपरेशन में कुछ मात्रा में ड्रग बरामद की गई थी.

इसके बाद, समीर वानखेड़े और अन्य को छापे में खामियों को लेकर एनसीबी सतर्कता जांच का सामना करना पड़ा. सबूतों की कमी के कारण मई 2022 में आर्यन खान के खिलाफ आरोप हटा दिए गए थे.

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