Mumbai , 12 जुलाई . भारत की व्यावसायिक राजधानी Mumbai (बॉम्बे) लगातार दुश्मन देशों के निशाने पर रही है. 1993 के सीरियल धमाके हों, 2006 में लोकल ट्रेन ब्लास्ट हो या 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों का हमला, Mumbai के जरिए देश के दुश्मन भारत को घाव देने की कोशिश करते रहे हैं. कुछ इसी तरह 13 जुलाई 2011 का दिन Mumbai ही नहीं, पूरे देश को जख्म देकर गया. लगभग एक साथ Mumbai के तीन अलग-अलग इलाकों में बम धमाके हुए, जिसमें 20 निर्दोष लोग मारे गए. उस समय 130 लोग घायल हुए थे.
14 साल पहले यह सीरियल ब्लास्ट Mumbai के झवेरी बाजार, ओपेरा हाउस और दादर में हुए. नवंबर 2008 के बाद से यह Mumbai में हुआ सबसे घातक हमला था. धमाकों के लिए शाम का वक्त चुना गया. ऐसा समय जब ज्यादातर लोग मार्केट में सामान खरीदने पहुंचते हैं.
पहला विस्फोट शाम 6 बजकर 54 मिनट पर झवेरी बाजार में हुआ, जिसने प्रसिद्ध आभूषण बाजार को तहस-नहस कर दिया. एक गली में बाइक पर विस्फोटक लगाया गया था. इसके एक मिनट बाद यानी 6 बजकर 55 मिनट पर दूसरा विस्फोट शहर के दक्षिण में स्थित ओपेरा हाउस के व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्र में हुआ. यहां बम एक टिफिन बॉक्स में रखा गया था. फिर 7 बजकर 5 मिनट पर मध्य Mumbai के दादर इलाके में तीसरा धमाका हुआ. यहां दहशतगर्दों ने बस स्टैंड के एक बिजली का खंभा चुना. इस पर विस्फोटक लगाया गया था.
इन अलग-अलग धमाकों से पूरी Mumbai दहल गई. शहर में अफरातफरी के बीच लोगों को बचाने की कोशिश की गई. धमाकों में 20 लोगों की जान चली गई, जबकि 130 घायल हुए.
हमले की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) ने ली थी. यासीन भटकल उर्फ सैयद मोहम्मद अहमद जरार सिद्दीबप्पा इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यासीन भटकल ने विस्फोटकों की खरीद और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. भटकल के अलावा मुख्य आरोपी नकी अहमद, नदीम शेख, कंवर पथरीजा, हारून नाइक, मोहम्मद कफील अंसारी और असदुल्लाह अख्तर इसमें शामिल थे.
–
डीसीएच/केआर